नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को छोड़ने के पक्ष में नहीं है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि मोदी सरकार इस मामले में तमिलनाडु सरकार के फैसले का विरोध जारी रखेगी. केंद्र सरकार ने इस अहम मुद्दे पर यूपीए के स्टैंड को कायम रखने का फैसला किया है.
* क्या है जयललिता का पक्ष
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने का फैसला लिया है,लेकिन इसके विरोध में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है. गौरतलब हो कि 19 फरवरी को मुख्यमंत्री जयललिता ने जेल में सजा काट रहे राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने का फैसला लिया था. इस मामले में फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा रखा है. यूपीए सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि एक पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या देश के खिलाफ अपराध है. इन हत्यारों और साजिशकर्ताओं को रिहा नहीं किया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट से हत्यारों को मिल चुकी है राहत
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सातों आरोपियों को पहले ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहत मिली हुई है. गौरतलब हो कि राष्ट्रपति के पास लंबे समय तक दया याचिका लंबित रहने का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा को कम करते हुए उम्रकैद में बदल दी. इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने सातों आरोपियों की बाकी की सजा माफकर उन्हें रिहा करने का फैसला किया था.