नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शराब और मादक पदार्थो के सेवन के बढ रहे चलन पर गहरी चिंता जताते हुए आज कहा कि ऐसे लोगों को नशा मुक्त बना कर उन्हें समाज का उपयोगी सदस्य बनाने का व्यापक कार्यक्रम चलाने की जरुरत है.
उन्होंने मादक पदार्थो के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के विरुद्ध आज मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, व्यापक उपचार कार्यक्रम का उद्देश्य केवल यह नहीं होना चाहिए कि लोगों को नशाखोरी से मुक्त किया जाए बल्कि साथ ही यह गंभीर प्रयास होना चाहिए कि ऐसे लोगों को समाज के उपयोगी सदस्य के रुप में स्थापित किया जाए. इस अवसर पर उन्होंने शराब तथा मादक पदार्थों के इस्तेमाल को रोकने में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए.
राष्ट्रपति ने कहा कि देश में नशाखोरी बढ रही है और नए आयाम ले रही है और इसके चलते संयुक्त परिवार व्यवस्था के हमारे आत्म संयम और अनुशासन जैसे सामाजिक मूल्य नष्ट हो रहे हैं.उन्होंने कहा कि नशाखोरी की बुराई पर काबू पाने के लिए ना सिर्फ ऐसे पदार्थो की उपलब्धतता को कम किया जाए बल्कि उन सामाजिक परिस्थितियों से निपटा जाए जो इनकी मांग बढाने के सामाजिक हालात पैदा करते हैं.
मुखर्जी ने कहा कि हमारे संविधान निर्माता शराब और मादक पदार्थों के खतरों के प्रति सजग थे और इसीलिए उन्होंने निदेशक सिद्धांतों में यह प्रावधान किया कि राज्यों को इन पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में काम करना चाहिए. सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि काफी समय से पूरी दुनिया में युवाओं में मादक पदार्थो का इस्तेमाल बढ रहा है और भारत भी इससे अछूता नहीं है.