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डीयू-यूजीसी विवाद या स्मृति-किश्वर का ” कैट फाइट”

-इंटरनेट डेस्क- नयी दिल्लीः चार वर्षीय पाठ्यक्रम को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और यूजीसी के बीच जारी विवाद ने सियासती रंग ले लिया है. मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने शुरु में में यह कहकर पल्ला झाड लिया था कि यह डीयू और यूजीसी के आपस का विवाद है और उसे आपस में सुलझा लेना […]

-इंटरनेट डेस्क-

नयी दिल्लीः चार वर्षीय पाठ्यक्रम को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और यूजीसी के बीच जारी विवाद ने सियासती रंग ले लिया है. मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने शुरु में में यह कहकर पल्ला झाड लिया था कि यह डीयू और यूजीसी के आपस का विवाद है और उसे आपस में सुलझा लेना चाहिए. किन्तु कल इस विवाद में एक नया अध्याय तब और जुड गया जब वरिष्ठ पत्रकार मधु किश्वर ने सीधे-सीधे सरकार पर आरोप लगा दिये. मधु किश्वर ने यूजीसी और मोदी सरकार में मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि यूजीसी के अधिकारी डीयू के वीसी को धमका रहें हैं और उसके इस्तीफे के लिए दबाव बना रहे हैं. उन्होंने सरकार पर भी आरोप लगाया कि यूजीसी को सरकार से सपोर्ट मिल रहा है.

पुराना है स्मृति-किश्वर का झगडा

मधु किश्वर और स्मृति ईरानी के बीच का झगडा कल शुरु नहीं हुआ है. ईरानी के शपथ लेने के साथ हीं किश्वर ने यह मामला उठाया था. महिला अधिकार कार्यकर्ता किश्वर ने कहा था कि केवल 12वीं तक पढ़ी लिखी स्मृति को मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया है.

26 मई को सरकार के गठन के बाद 27 मई को मधु किश्वर ने ट्वीट किया कि स्मृति ईरानी केवल 12वीं पास है. वह एक फैशन मॉडल और टीवी सीरियल में काम करने वाली है क्या भारत के शिक्षा मंत्री के लिए यही योग्यता है?

मधु किश्वर ने 29 मई को अपने ट्वीट में स्मृति ईरानी के उस बात के जवाब में लिखा जिसमें ईरानी ने कहा था कि मुझे मेंरे काम से परखिये. किश्वर ने इस पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि हम जज ही तो कर रहें हैं कि आपने हर चुनाव में अपने बारे में गलत जानकारी दी है.

किश्वर-स्मृति विवाद को कुछ लोगों ने "कैट फाइट" की संज्ञा दी है. इस पर किश्वर ने ट्वीट किया है कि जब सोनिया सरकार में थी तब मैंने उनके बारे में भी लिखा था किन्तु किसी ने इस तरह की संज्ञा नहीं दी थी. जब हमने राबडी देवी की शिक्षा के बारे में सवाल उठाया था उस वक्त भी किसी ने इस तरह की बात नहीं कही थी. तो अब ईरानी मामले में ऐसा क्यों बोला जा रहा है?

किश्वर ने ईरानी को लेकर मोदी से भी जतायी थी नाराजगी

महिला अधिकार कार्यकर्ता मधु किश्वर ने स्मृति को मानव संसाधन विकास मंत्री बनाने पर सबसे पहले ट्वीट कर नरेंद्र मोदी की आलोचना की और कहा कि भारत में शिक्षा और अनुसंधान खराब हालत में है और मानकों को सुधारने के लिए तत्काल कुछ करने की जरूरत है. खुद मोदी की प्रशंसक माने जाने वालीं किश्वर ने कहा कि इस काम के लिए सही दृष्टिकोण वाली शख्सियत की जरूरत है.

किश्वर ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय को मुख्यमंत्रियों के साथ काम करना होता है क्योंकि शिक्षा राज्य का विषय है और कुलपतियों के साथ भी काम करना होगा. किश्वर ने ट्विटर पर लिखा था, ‘मानव संसाधन विकास विभाग को ऐसे प्रमुख की जरूरत है जो शिक्षा क्षेत्र में वामपंथी और दक्षिणपंथी कट्टरपंथियों के बीच कुशलता के साथ काम करते हुए संवेदनशील पाठ्यक्रमों को परिभाषित कर सके जिन पर पक्षपातपूर्ण एजेंडा का प्रभाव नहीं हो.’

इधर कल के घटनाक्रम के तहत डीयू से संबंद्ध 64 कॉलेजों में से 57 स्नातक के तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के पक्ष में है. कॉलेजों के इस फैसले से डीयू-यूजीसी विवाद तो लगभग सुलझ गया सा लगता है लेकिन इसको लेकर जो राजनीतिक उफान मचा हुआ है उसके अंत होने में शायद समय लगे.

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