नयी दिल्ली:इराक के हिंसा प्रभावित मोसुल शहर में 40 भारतीयों से संपर्क नहीं हो सका है. केंद्र सरकार ने फिलहाल उनको बंधक बनाने की बात से इनकार करते हुए कहा कि हम मानवीय एजेंसियों और इराकी सरकार के संपर्क में हैं. विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि हम उनसे संपर्क की कोशिश में हैं.
अपहरण की आशंका को अपुष्ट बताते हुए कहा कि हम सिर्फ लड़ाई में फंसे हैं. साथ ही सरकार ने निर्णय लिया है कि इराक में राजदूत रह चुके सुरेश रेड्डी को बगदाद स्थित भारतीय मिशन को मजबूत करने के लिए भेजा जायेगा.
नर्सो से संपर्क : भारतीय दूतावास के अनुरोध पर इंटरनेशनल रेड क्रीसेंट ने तिकरित में 46 भारतीय नर्सो से संपर्क किया. उन्हें मदद उपलब्ध करवायी. भारतीयों के लिए यहां एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जिससे उनके परिवारों को ताजा सूचना उपलब्ध करवाई जा सके.
मदद की समीक्षा : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निर्देश पर ‘संकट प्रबंधन बैठक’ में, इराक में फंसे भारतीयों को उपलब्ध करवायी जा सकने वाली मदद के हर पहलू की समीक्षा की गयी. सचिव (पूर्वी क्षेत्र) अनिल वाधवा ने इराकी राजदूत अहमद तहसीन अहमद बेरवारी से भी मुलाकात की.
दस हजार भारतीय : अनुमान है कि इराक में फिलहाल 10 हजार से ज्यादा भारतीय रह रहे हैं. भारत सरकार ने इराक में रह रहे भारतीयों को वहां कि सुरक्षा हालात के मद्देनजर देश छोड़ने के लिए कहा था. इराक की यात्र नहीं करने के लिए भी कहा है.
‘इराक की सुरक्षा और भूभागीय अखंडता के लिए प्रत्यक्ष खतरा’ है. भारत ‘एक स्थायी, शांतिपूर्ण, एकीकृत और लोकतांत्रिक इराक के उदय’ के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. ऐसा होना क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए जरूरी है. -विदेश मंत्रालय, भारत