कोलकाता : घरेलू हिंसा का शिकार बनने वाले या बलात्कार के झूठे मामलों में आरोपी बनाए गए पुरुषों को अब खुद को असहाय महसूस करने की जरुरत नहीं है क्योंकि एक गैर सरकारी संगठन उनकी मदद के लिए आगे आया है और उसने इसके लिए एक मोबाइल ऐप्लिकेशन भी शुरु किया है.
पुरुषों के अधिकार के लिए काम कर रहे गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) सेव इंडिया फैमिली फाउंडेशन (एसआईएफएफ) ने पीडित पुरुषों की मदद के लिए एक खास मोबाइल ऐप्लिकेशन और हेल्पलाइन नंबर शुरु किए हैं.
एनजीओ की कोलकाता शाखा हृदय-नेस्ट ने आइपीसी की धारा 498ए और बलात्कार विरोधी कानूनों के कथित दुरुपयोग का शिकार बनने वाले पुरुषों की बढती संख्या को ध्यान में रखते हुए इस ऐप का विकास किया है. एसआइएफ नाम के इस ऐप की शुरुआत अप्रैल में की गयी थी.
हृदय-नेस्ट के अमित गुप्ता ने कहा, कोई भी पुरुष जो घरेलू हिंसा, सोशल मीडिया पर दुर्व्यवहार और पारिवारिक विवादों में कानूनी या दूसरे तरह के शोषण का सामना कर रहा हो वह एक बटन दबाने के साथ ही एसआईएफएफ के सलाहकारों से संपर्क कर सकता है.
उन्होंने बताया कि ऐप 25 राज्यों के 50 शहरों में ऐसे 50 एनजीओ के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएगा जिनसे लोग व्यक्तिगत रुप से कानूनी सलाह एवं मदद ले सकते हैं. एसआइएफएफ उन 50 से अधिक गैर सरकारी संगठनों का मंच है जो भारत में पुरुषों के अधिकारों और उनके प्रति होने वाले अन्याय को लेकर लड रहे हैं. एसआइएफएफ पिछले कुछ सालों से पीडित पुरुषों की मदद के लिए काम कर रहा है.
गुप्ता ने कहा, हम देश के आठ करोड से अधिक स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं तक पहुंचना चाहते हैं. हेल्पलाइन नंबर को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. शुरुआत के बाद 50 दिनों से भी कम समय में अब तक 16,000 से अधिक कॉल आ चुके हैं. हेल्पलाइन मध्यप्रदेश, दिल्ली एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र), कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा और कई दूसरे राज्यों में शुरु किया गया है.
गुप्ता ने कहा कि सबबे अधिक कॉल मध्य प्रदेश से आए हैं. उन्होंने साथ ही कहा कि सिंगापुर, ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई दूसरे देशों से भी कॉल आए हैं और प्रतिक्रियाएं मिली हैं. शहरों में सबसे अधिक 23 प्रतिशत कॉल दिल्ली से आए जबकि सबसे कम एक प्रतिशत कॉल विशाखापत्तनम से आए.