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डेयरी उत्पाद से हर्ट डिजीज का खतरा है कम

-‘द लैंसेट’में छपी है रिपोर्ट -मैकमास्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा- फुल क्रीम वाला दूध दिल के लिए अच्छा नयी दिल्ली : बहुत ज्यादा दूध स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं हैं. फुल क्रीम दूध व्यक्ति को आलसी और मोटा बना सकता है. इसके अधिक सेवन से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. ऐसा मानने […]

-‘द लैंसेट’में छपी है रिपोर्ट

-मैकमास्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा- फुल क्रीम वाला दूध दिल के लिए अच्छा

नयी दिल्ली : बहुत ज्यादा दूध स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं हैं. फुल क्रीम दूध व्यक्ति को आलसी और मोटा बना सकता है. इसके अधिक सेवन से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. ऐसा मानने वाले लोगों को अब अपनी सोच बदलनी पड़ेगी. एक नये अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि फुल क्रीम वाला दूध दिल के लिए अच्छा रहता है. कनाडा के मैकमास्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की स्टडी का दावा है कि दिन में तीन बार डेयरी उत्पाद खाने से हार्ट डिजीज का खतरा कम हो जाता है.

शोधकर्ताओं ने 21 देशों के 35 से 70 वर्ष के बीच के 1,36,384 लोगों पर अध्ययन किया. नौ वर्षों के दौरान हुए इस अध्ययन में डेयरी उत्पादों के सेवन से स्वास्थ्य पर असर की निगरानी की गयी. अध्ययन के लिए प्रतिभागियों को चार अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया गया. एक में जिन्होंने डेयरी उत्पाद बिल्कुल नहीं खाया, दूसरे में जिन्होंने एक दिन में एक बार, तीसरे में एक दिन में दो बार और चौथे में एक दिन में दो बार से अधिक बार खाने वालों को रखा गया. डेयरी उत्पादों में कम वसा और पूर्ण वसा दूध के उपभोग को भी ध्यान में रखा गया.

शोधकर्ताओं ने पाया कि डेयरी उत्पाद न लेने वालों के मुकाबले जिन लोगों ने एक दिन में दो से अधिक बार डेयरी उत्पाद लिये थे, उनमें मृत्यु दर कम थी और दिल की बीमारी कार्डियोवैस्कुलर होने या स्ट्रोक का खतरा कम था. एक दिन में तीन बार डेयरी उत्पाद खाने वालों में दिल की बीमारी का अनुभव करने की संभावना कम थी. डेयरी उत्पाद मृत्यु दर और कार्डियोवैस्कुलर बीमारी से बचा सकते हैं. मक्खन और पनीर की तुलना में दूध और दही के नियमित सेवन से मृत्यु दर कम करने और सेहतमंद बनाने पर अधिक प्रभाव पड़ा. अध्ययन के नतीजे ‘द लैंसेंट’ जर्नल में प्रकाशित हुए हैं.

दूध के कई अन्य घटक सेहत के लिए होते हैं अच्छे : अध्ययन की प्रमुख लेखक डॉ महशीद देहघान बताती हैं कि कम वसा वाली चीजें लोग इसलिए पसंद करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि संतृप्त वसा कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है. लेकिन डेयरी उत्पादों में कई अन्य घटक भी होते हैं, जो सेहत के लिए अच्छे हो सकते हैं.

दूध नहीं लेने से हड्डियां होती हैं कमजोर
जर्मनी में एसोसिएशन फॉर इंडिपेंडेंट हेल्थ कंसल्टिंग में आहार विशेषज्ञ हंस हेल्मूट मार्टिन कहते हैं कि जिन लोगों को दूध अच्छा नहीं लगता, वे थोड़ी सी चीनी के साथ या कृत्रिम रंग के साथ दही, पनीर या छाछ ले सकते हैं. उनकी सलाह है कि हर दिन 300 से 500 ग्राम दूध या डेयरी उत्पाद लेने ही चाहिए. बहुत कम दूध पीना या बिलकुल नहीं पीना भी ठीक नहीं. दूध की कमी से शरीर में कैल्शियम कम हो जाता है जिससे ओस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियां कमजोर होने का डर बढ़ जाता है. दूध पसंद न करने वालों को विटामिन बी2 की कमी होने का भी खतरा होता है. एनीमिया और थकान के अलावा ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल होती है.

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