नयी दिल्ली: सरकार ने आज कहा कि लोकसभा में इस बार किसी दल के पास नेता प्रतिपक्ष बनने की जरुरी संख्या नहीं होने के बावजूद सबसे बडे विपक्षी दल कांग्रेस को यह दर्जा देने के बारे में 4 जून को सदन का सत्र शुरु होने से पहले कोई समाधान निकल आएगा.
उल्लेखनीय है कि 543 सदस्यीय लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष उसी पार्टी से बनता है जिसकी कम से कम सदन में दस प्रतिशत यानी 55 सीट हों. लेकिन इस बार विपक्ष में सबसे बडी पार्टी कांग्रेस के पास भी मात्र 44 सीट हैं.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री प्रकाश जावडेकर ने अपना कार्यभार संभालने के अवसर पर संसद भवन के अपने कक्ष में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘4 जून से पहले यह मुद्दा सुलझा लिया जाएगा.’’ यह पूछे जाने पर राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के कारण क्या सरकार को उच्च सदन में विधेयक पारित कराने में परेशानी नहीं आएगी, जावडेकर ने कहा, हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं और उम्मीद जताई कि सभी दल राष्ट्रहित के सरकार के कार्यो में सहयोग करेंगे.
राज्यसभा में कांग्रेस को विपक्ष के नेता का दर्जा पाने में कोई अडचन नहीं है लेकिन लोकसभा में उसके पास इसके लिए आवश्यक संख्या नहीं है.कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि आवश्यक संख्या नहीं होने के कारण निम्न सदन में नेता प्रतिपक्ष को केवल भत्ते उपलब्ध कराने के लिए कुछ सांविधिक प्रावधान करने होंगे और इसके आलावा कांग्रेस से किसी को नेता प्रतिपक्ष बनाने में किसी तरह की कोई कानूनी अडचन नहीं है. उसका कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष सदन में अकेले सबसे बडे विपक्षी दल को यह दर्जा दे सकते हैं. जावडेकर ने भी कहा, ‘‘मसले का समाधान हो जाएगा.’’