नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के दौरान अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के बारे में एक बड़ा खुलासा किया. करजई ने बताया कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से पहले अफगानिस्तान के हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को बंधक बनाने वाला था.
करजई ने यह खुलासा मोदी और पाक पीएम नवाज शरीफ की मुलाकात से पहले ही कर दिया था. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से खबर है कि लशकर-ए-तैयबा का भारतीय वाणिज्य दूतावास में हमले का टारगेट मोदी का शपथ ग्रहण समारोह था. अफगानी ऐंबैसडर शाइदा अब्दाली ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इस दौरान अफगानिस्तान में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को बंधक बना भारत सरकार के लिए खतरनाक स्थिति पैदा करना चाहता था.
हालांकि अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास में हमले मामले में अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन भारत दौरे में आये अफगानी राष्ट्रपति ने खुफिया एजेंसी के हवाले से कहा कि हेरात में भारतीय दूतावास में हमले के पीछे पाक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है.
इधर विदेश सचिव सुजाता सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और करजई के बीच हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले पर बात हुई है. हालांकि उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा के शामिल होने पर कुछ नहीं कहा.गौरतलब हो कि अफगानिस्तान के हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले को आइटीबीपी और अफगान सिक्यॉरिटी के जवानों ने नाकाम कर दिया था.