पुणे : पुणे पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने यहां के रियल एस्टेट डेवलपर डी एस कुलकर्णी और उनकी पत्नी के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के वर्तमान एवं पूर्व अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) समेत छह व्यक्तियों को बुधवार को गिरफ्तार किया. आर्थिक अपराध शाखा ने उनकी हिरासत की मांग करते हुए एक स्थानीय अदालत से कहा कि इन बैंक अधिकारियों ने ना तो रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का पालन किया और ना ही इस बात का सत्यापन किया कि कर्ज की राशि का इस्तेमाल केवल उसी परियोजना के लिए किया जा रहा है जिसके लिए वह मांगी गयी थी.
एक अधिकारी ने बताया कि बैंक के वर्तमान अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक रवींद्र मराठे, कार्यकारी निदेशक राजेंद्र गुप्ता, क्षेत्रीय प्रबंधक नित्यानंद देशपांडे, बैंक के पूर्व सीएमडी सुशील महनोत, कुलकर्णी के सीए सुनील घाटपांडे, कुलकर्णी की कंपनी डी एस कुलकर्णी डेवलपर्स लिमिटेड (डीएसकेडीएल) के अभियांत्रिकी विभाग के उपाध्यक्ष राजीव नेवास्कर गिरफ्तार किये गये हैं.
पुलिस के अनुसार देशपांडे को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया है जबकि महनोत को जयपुर से पकड़ा गया. अन्य पुणे में गिरफ्तार किये गये. इन सभी पर आईपीसी और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराएं लगायी गयी हैं. पुलिस उपायुक्त (साइबर एवं आर्थिक अपराध) सुधीर हिरेमाथ ने कहा, ‘‘कुलकर्णी के खिलाफ धोखाधड़ी की अपनी जांच के दौरान यह सामने आया कि इन बैंक अधिकारियों ने कर्ज की आड़ में पैसे देने के लिए बेईमानी की मंशा से डीएसकेडीएल के साथ मिलीभगत की.’
आरोपपत्र के अनुसार यह घोटाला कुल 2,043.18 करोड़ रुपये का है जहां आरोपियों ने 33000 निवेशकों और सावधि जमाकर्ताओं के पैसे के गबन के लिए नौ कंपनियां बनायीं. उन्हें एफडी पर अच्छे रिटर्न का वादा किया गया था.