ताड़ी, अनुपयोगी कुओं का प्रयोग न करें, जमीन पर पड़े फल न खायें
शव के अंतिम संस्कार में भावुकता से बचते हुए विधि-विधान में करें बदलाव
नयी दिल्ली: कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में निपाह विषाणु के फैलने के डर के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आम जनता और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के लिए आज रात को परामर्श जारी किया. इसमें यह बताया गया है कि इन्हें अति जोखिम वाले इलाकों में क्या एहतियाती कदम उठाने चाहिए और साथ ही यह जानकारी दीगयी है कि यह बीमारी कैसे फैलती है और इसके क्या लक्षण होते हैं. मंत्रालय ने आम जनता को ताड़ी, जमीन पर पड़े पहले से खाए हुए फलों का सेवन करने और इस्तेमाल में ना लाए जा रहे कुओं में ना जाने तथा केवल ताजा फल खाने की सलाह दी है.
इसमें कहा गया है कि बीमारी के कारण मारे गए लोगों के शवों का अंतिम संस्कार सरकारी परामर्श के अनुसार करना चाहिए और इस भावुक क्षण के दौरान बीमारी को परिवार के सदस्यों तक फैलने से रोकने के लिए विधि विधानों में बदलाव करने चाहिए. परामर्श में सूचना दी गयी है कि चमगादड़ , सूअर, कुत्ते, घोड़ों जैसे जानवरों में फैलने वाला निपाह विषाणु जानवरों से मनुष्यों में भी फैल सकता है और इससे कई बार मनुष्यों को गंभीर बीमारी भी हो सकती है.
निपाह वायरस से अबतक 12 लोगों की जान चली गयी है. इस वायरस का आतंक सबसे ज्यादा दक्षिणी राज्य केरल में है. केरल चेंगरोठ में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गयी. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुधन से लोगों से आग्रह किया है कि वे घबरायें नहीं और यह जहां पर पाया गया वहां काबू में कर लिया गया.