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कुमारस्वामी ने शीर्ष नेताओं, क्षेत्रीय क्षत्रपों के जमघट के बीच ली मुख्यमंत्री पद की शपथ

बेंगलुरु : जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी ने बुधवार को यहां एक भव्य समारोह में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. अगले वर्ष लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ विपक्ष की एकता का साक्षी बने इस शपथग्रहण समारोह में कुछ प्रमुख दलों के शीर्ष नेताओं सहित अलग-अलग क्षेत्रीय दलों के नेता शामिल […]

बेंगलुरु : जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी ने बुधवार को यहां एक भव्य समारोह में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. अगले वर्ष लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ विपक्ष की एकता का साक्षी बने इस शपथग्रहण समारोह में कुछ प्रमुख दलों के शीर्ष नेताओं सहित अलग-अलग क्षेत्रीय दलों के नेता शामिल हुए.
शपथग्रहण समारोह में एकत्र इन नेताओं ने हंसते हुए एक-दूसरे का स्वागत किया, आपस में हाथ मिलाये, एक-दूसरे को गले लगाया और राज्य में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के भविष्य पर संदेह के बीच वे इस पल के साक्षी बने. जेडीएस प्रमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के तीसरे पुत्र कुमारस्वामी को राज्यपाल वजुभाई वाला ने यहां विधान सौध परिसर में एक बड़े मंच पर पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी. पारंपरिक धोती और सफेद रंग की कमीज पहने 58 वर्षीय कुमारस्वामी ने ईश्वर और ‘कन्नड़ नाडू’ के नाम पर शपथ ली. इस दौरान उनके सैकड़ों समर्थक मौजूद थे जो इस अवसर की खुशी में मग्न थे. प्रदेश कांग्रेस प्रमुख एवं पार्टी के दलित चेहरे जी परमेश्वर ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. कुमारस्वामी शुक्रवार को विश्वासमत हासिल करने के बाद अपनी मंत्रिपरिषद का विस्तार करेंगे.
विधानसभा चुनाव में 78 सीट जीतनेवाली कांग्रेस को 20 मंत्री पद मिलने की संभावना है, जबकि 37 विधायकोंवाले जेडीएस को 12 मंत्री पद मिल सकते हैं. विचारधारा से भिन्न, लेकिन नयी दिल्ली से भाजपा नीत राजग सरकार को उखाड़ फेंकने के इरादे से एकजुटता व्यक्त करनेवाले नेताओं का इस शपथग्रहण समारोह में जमघट लगा. इस अवसर पर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी, राकांपा नेता शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी धुर प्रतिद्वंद्वी माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी भी मौजूद थे. बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जिन्होंने उत्तर प्रदेश में गठबंधन किया है, मंच पर पहले-पहल पहुंचनेवालों में शामिल थे.
हाल में राजग से अलग हुए और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कटु आलोचक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, केरल के उनके समकक्ष पिनाराई विजयन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं जेएमएम के नेता हेमंत सोरेन, द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि की बेटी कनिमोई तथा रालोद नेता अजित सिंह भी कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव मंगलवारको कुमारस्वामी को बधाई देने बेंगलुरु पहुंचे थे. कुमारस्वामी जब मंच पर आये और राज्यपाल वाला के पासवाली सीट पर बैठे तो वाला चुपचाप बैठे रहे और उन्होंने कुमारस्वामी की तरफ देखा तक नहीं. वाला द्वारा कुमारस्वामी को शपथ दिलाये जाने के बाद ही दोनों ने मुश्किल से एक-दूसरे से बात की और एक-दूसरे की तरफ देखकर मुस्कराये. इसके बाद उन्होंने शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया.
वाला और कुमारस्वामी के बीच दिखे ठंडेपन से इतर मंच पर मौजूद शीर्ष नेताओं ने एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया. मायावती और सोनिया ने एक-दूसरे का हाथ थामा और दोनों बड़ी गर्मजोशी से मिलीं. बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने सोनिया गांधी और ममता बनर्जी के पैर छुए. मुलाकातों और शुभकामनाओं के क्रम का समापन नेताओं द्वारा समूह में तस्वीर खिंचवाये जाने के साथ हुआ. इस दौरान एकजुटता में उन्होंने एक-दूसरे के हाथ थाम रखे थे. समारोह से पहले एन चंद्रबाबू नायडू तथा ममता बनर्जी ने संघवाद को मजबूत करने के लिए सभी क्षेत्रीय दलों से एक मंच पर आने को कहा. ममता ने कहा, ‘हम सभी क्षेत्रीय दलों के संपर्क में रहेंगे जिससे कि हम राष्ट्र के विकास, लोगों के विकास और संघीय तंत्र के विकास के लिए काम कर सकें.’ नायडू ने कहा, ‘मैंने ममता जी से मुलाकात की और हम सभी यहां कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह के साक्षी बनने आये हैं. वह क्षेत्रीय पार्टी से हैं और हम बहुत खुश हैं कि वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने हैं.’ यह पूछे जाने पर कि कई गैर भाजपा दलों के नेताओं का एकजुट होना क्या भाजपा और राजग के खिलाफ साझा मोर्चा बनाने का आगाज है, नायडू ने कहा, ‘हम अधिक से अधिक क्षेत्रीय दलों को बढ़ावा देना चाहते हैं. हम (क्षेत्रीय दलों को) मजबूत करना चाहते हैं. यह ममताजी और हमारी पार्टी का मिशन है और उसी तरह हम काम कर रहे हैं.’
भाजपा ने इस शपथग्रहण समारोह का बहिष्कार किया और समूचे राज्य में ‘काला दिवस’ मनाया. भाजपा ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को कर्नाटक में एक ‘अवसरवादी गठबंधन’ करार दिया. पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह में कई विपक्षी नेताओं के जुटने को ‘भ्रष्टाचार का जश्न’ बताया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्षी दल चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘सपने देखने’ और कर्नाटक में सरकार बनने के बाद खुश होने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन तथ्य यह है कि यह लोकप्रिय जनमत के खिलाफ है.

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