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जानें कौन हैं दीपिका सिंह राजावत, जो लड़ रही हैं कठुआ गैंगरेप पीड़िता का केस

कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ जिस तरह की हैवानियत हुई, उससे पूरी मानव जाति शर्मसार हुई है. एक बच्ची के साथ हुई ऐसी दरिंदगी से लोग दहशत में हैं, वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो इस मामले को धार्मिक रूप देकर नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. जम्मू बार एसोसिएशन […]

कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ जिस तरह की हैवानियत हुई, उससे पूरी मानव जाति शर्मसार हुई है. एक बच्ची के साथ हुई ऐसी दरिंदगी से लोग दहशत में हैं, वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो इस मामले को धार्मिक रूप देकर नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. जम्मू बार एसोसिएशन ने तो क्राइम ब्रांच को चार्टशीट दायर करने तक से रोकने की कोशिश की. लेकिन एक शख्स है, जो इन तमाम प्रयासों के बावजूद पूरी मुस्तैदी के साथ बच्ची के साथ यह घिनौना कृत्य करने वालों को सजा दिलाने के लिए जूझ रही हैं. उनके साथ बार एसोसिएशन ने दुर्व्यवहार किया, उन्हें धमकाया बावजूद इसके दीपिका अपने निर्णय से डिगी नहीं हैं और कठुआ की रेप पीड़िता असिफा का केस लड़ रही हैं.

Voice For Rights एनजीओ चलाती हैं दीपिका
दीपिका सिंह राजावत मानवाधिकारों के लिए काम करती हैं और एक एनजीओ Voice For Rights चलाती हैं, जिसकी वे चेयरपर्सन हैं. यह एनजीओ महिला अधिकारों के लिए काम करता है. धमकियां मिलना दीपिका के नयी बात नहीं है, क्योंकि वह शोषित की आवाज बनती हैं, लेकिन असिफा के केस में उनके साथ बहुत बुरा बर्ताव हुआ है. उसके साथी वकीलों ने उसके साथ बदतमीजी की है. दीपिका ने बताया कि बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने उन्हें सुनवाई के दौरान यह कहते हुए जाने से रोका था कि हमने बंद बुलाया है, जब दीपिका ने कहा कि मुझे जाना होगा, तो उसके साथ बदतमीजी की गयी थी.
खुद लिया है असिफा का केस
दीपिका ने बताया कि असिफा के माता-पिता बहुत गरीब हैं. चूंकि मैंने मानवाधिकारों के लिए संघर्ष करती हूं, इसलिए मैं धमकियों से नहीं डरती, मैंने फरवरी में असिफा के माता-पिता से संपर्क किया, वह जनवरी से गायब थी, लेकिन पुलिस ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी. इसलिए मुझे लगा कि मुझे यह केस लड़ना चाहिए, अन्यथा इनकी कोई सुनने वाला नहीं है.
पहले भी मिल चुकी है जान से मारने की धमकी
चूंकि दीपिका मानवाधिकारों से जुड़े केस ही लड़ती हैं, खासकर महिलाओं और बच्चों के हक से जुड़ी, इसलिए उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है. एक वकील के घर में एक बच्ची की मौत के बाद जब उस मुद्दे को दीपिका ने उठाया था, तो बार एसोसिएशन ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी.

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