काल्पा : स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के काल्पा निवासी 97 वर्षीय श्याम नेगी को प्रदेश निर्वाचन आयोग सात मई को क्षेत्र में मतदान के दौरान उनका शानदार तरीके से स्वागत और उन्हें सम्मानित करने की तैयारी कर रहा है लेकिन इस बार मतदान को लेकर वह थोडा नर्वस हैं.1951 से लेकर आज तक किसी भी चुनाव में मतदान से नही चूकने वाले सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक श्याम नेगी भावी सरकार के बारे में कहते हैं, ‘‘ केंद्र में ऐसी सरकार बने जो ईमानदारी से काम करे.’’
आजाद भारत में अटल बिहारी वाजपेयी को बेहतरीन प्रधानमंत्री मानने वाले श्याम नेगी सात मई को लेकर काफी नर्वस हैं. उन्होंने अपने गांव काल्पा से फोन पर भाषा को बताया, ‘‘सात मई को सुना है कि मीडिया के बहुत से लोग आएंगे. थोडा नर्वस महसूस कर रहा हूं कि इतने लोगों का सामना कैसे करुंगा.’ जब उन्हें यह बताया गया कि यूट्यूब पर उनके वीडियो को 27, 96, 388 लोग देख चुके हैं तो उन्होंने कहा कि लोगों का इतना प्यार मिलने से वह बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं. किन्नौर के उपायुक्त डी डी शर्मा ने उन्हें सूचित किया है कि सात मई को मतदान के दिन उनका बेहद शानदार तरीके से स्वागत किया जाएगा.
देश में अधिकतर समय कांग्रेस का शासन रहने के कारण वह अभी तक हुए विकास का श्रेय कांग्रेस सरकारों को देते हैं लेकिन अगली सरकार के सवाल पर कहते हैं, ‘‘ ऐसी सरकार बने जो थोडा ईमानदारी से काम करे ’’ 1947 में ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद देश में पहले आम चुनाव 1952 में हुए थे लेकिन दुर्गम पहाडियों और समुद्र तल से दस हजार फुट की उंचाई पर स्थित किन्नौर क्षेत्र में भारी बर्फबारी के मौसम को देखते हुए यहां बाकी देश से करीब चार महीने पहले ही मतदान करा लिया गया था.
नौंवीं कक्षा पास कर अध्यापन के पेशे को अपनाने वाले श्याम नेगी 1951 में बतौर मतदान अधिकारी काल्पा मतदान केंद्र पर तैनात थे. हिमाचल प्रदेश निर्वाचन आयोग के अधिकारी नीरज शर्मा ने बताया, ‘‘ मतदान अधिकारी सामान्यत: सबसे पहले मतदान करते हैं क्योंकि उन्हें बाद में मतदान संपन्न कराना होता है. इसी के तहत मास्टर जी : नेगी जी : ने सबसे पहले मतदान किया और वह इतिहास में स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता के रुप में दर्ज हो गए.’’ गूगल सर्च इंजन द्वारा अपने ‘प्लेज फोर वोट’’ अभियान के तहत श्याम नेगी पर वीडियो फिल्म बनाए जाने के बाद तो वह जैसे पूरे देश के लिए हीरो बन गए.
1951 के बाद से आज तक पंचायत से लेकर लोकसभा तक के सभी चुनावों में मतदान करने वाले नेगी इस वीडियो फिल्म में बच्चों को मतदान का महत्व समझाते नजर आते हैं. दसवीं कक्षा में पढने वाले उनके पोते आकाश ने बताया, ‘‘दादा जी बेहद अनुशासनप्रिय, समय के पाबंद और मजबूत इच्छाशक्ति वाले हैं. उनकी पूरी दिनचर्या और खानपान अनुशासित है. वह रात का खाना खाकर रेडियो पर समाचार सुनते हैं और आठ बजे सोने चले जाते हैं.’’
उनके पोते ने बताया कि गूगल वीडियो के बाद वह बेहद लोकप्रिय हो गए हैं और जहां पहले महीने में कोई एकाध फोन आता था तो अब हर दिन उनके लिए कई बार फोन की घंटी बजती है. देश विदेश का मीडिया उनसे बात करना चाहता है. बहरहाल, वह बार बार एक ही जैसे सवालों के जवाब दोहराते दोहराते कई बार थक जाते हैं और चिडचिडे हो जाते हैं. आकाश बताते हैं कि उन्हें शोरशराबा बिलकुल पसंद नहीं है और इसीलिए वह टेलीविजन भी नहीं देखते हैं.