01.09 PM:अरुण जेटली के वार पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पलटवार किया है. सुरजेवाला ने कहा कि जेटली झूठों के सरदार हैं. उन्होंने कहा कि क्या छोटा मोदी घोटाला मामले में राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे से, व्यापम घोटाला मामले में एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान से और छत्तीसगढ़ के घोटाले के लिए डॉ रमन सिंह से नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली इस्तीफा लेंगे. उन्होंने कहा कि हमने 2जी के झूठे आरोप पर भी नैतिकता के आधार पर कार्रवाई की थी.
12.20 PM:टू जी मामले को जोर-शोर से उठाने वाले वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कोर्ट के फैसले से कांग्रेस ऐसे खुश है कि उसे कोई सम्मान पत्र मिल गया हो.उन्होंने कहाकिइसे कांग्रेस सम्मान पत्र नहीं समझे. उन्होंने कहा कि टू जी स्पेक्ट्रम पुरानी कीमत पर आवंटित किये गये थे.उन्होंने कहा कि 2001 की कीमत पर 2007 में स्पेक्ट्रम दिये गये थे.उन्होंने कहा कि इसमें पहले आओ पहले पाओ की नीति का पालन नहीं किया गया.
12.07 AM: टू जी पर अदालत के फैसले पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने कहा कि कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि कांग्रेस ने बड़े पैमाने पर यूपीए के खिलाफ फैलाये गये प्रोपेगंडा के खिलाफ फैसला दिया है.
11.41 AM: टू जी मामले पर राज्यसभा में भी आज हंगामा हुआ, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि टू जी के बेसलेस आरोप के कारण आप यहां से वहां पहुंच गये. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के मंत्रियों के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया और हमारी सरकार चली गयी.
नयी दिल्ली : 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने आज अहम फैसलासुनातेहुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इस मामले में पूर्व संचार मंत्री ए राजा, डीएमके नेता कनिमोझी पटियाला कोर्ट पहुंचे थे. इस फैसले के मद्देनजर पटियाला कोर्ट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे. कोर्ट ने अपने फैसले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और डीएमके नेता कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को पेश होने का आदेश दिया था. वहीं, इस मामले में सीबीआइ ने कहा है कि हम अदालत के फैसले की काॅपी का इंतजार कर रहे हैं, उसके बाद हमलोग इस मुद्दे पर कानूनी राय लेंगे.सीबीआइ ने इस फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती देने का भी फैसला किया है.
इस फैसले से कनिमोझी ने प्रसन्नता जतायी और वे भावुक हो गयीं. मैं हर उस व्यक्ति को धन्यवाद देती हूं, जो इस मुद्दे पर मेरे साथ खड़े रहे. वहीं, पूर्व वित्तमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि एक बड़े घोटाले में सरकार के उच्च स्तर के लोगों के शामिल होने के आरोप कभी सही नहीं थे, यह आज के फैसले से साबित हो गया. वहीं, वरिष्ठ वकील व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने मीडिया से कहा है कि उनकी जीरो लॉस वाली बात सही साबित हुई है.
उन्होंने कहा कि यह आरोप लगाने वाले लोग माफी मांगें. वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा है कि बीजेपी इस मुद्दे पर संसद को सालों बाधित करने के लिए माफी मांगे, इससे भारत की ग्रोथ स्टोरी धीमी हुई, सत्ता की भूखी भाजपा ने सरकार में आने के लिए तब तत्कालीन सरकार पर आधारहीन आरोप लगाये थे.
Allegation of a major scam involving the highest levels of Government was never true, was not correct and that has been established today: P Chidambaram,Congress #2GScamVerdict pic.twitter.com/bfVgL14ES9
— ANI (@ANI) December 21, 2017
I would love to thank everyone who stood by me: Kanimozhi, Rajya Sabha MP #2GScamVerdict pic.twitter.com/3plOl0RlLE
— ANI (@ANI) December 21, 2017
Delhi: Kanimozhi, daughter of DMK chief M Karunanidhi & Rajya Sabha MP, arrives at Patiala House Court for #2GScamVerdict pic.twitter.com/MgwaGwO3ba
— ANI (@ANI) December 21, 2017
किन मामलों पर फैसला
सीबीआइ के पहले केस में ए राजा और कनिमोझी समेत पूर्व टेलीकॉम सेक्रेटरी सिद्धार्थ बेहुरा और ए राजा के पूर्व निजी सचिव भी आरोपीथे. इनके साथ स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर्स, यूनिटेक के प्रबंध निदेशक, रिलायंस के अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के तीन सीनियर अधिकारी और कलैग्नर टीवी के निदेशकों पर भी आरोप था.
क्यों फंसा मामला
इस मामले में 5 दिसंबर को ही फैसला आना था. 7 नवंबर को कोर्ट ने यह कहते हुए फैसला सुरक्षित रख दिया, दस्तावेज में तकनीकी पेंच हैं. इसकी पूरी जांच करने के बाद ही इस पर फैसला लिया जा सकता है. पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान कनिमोझी वहां मौजूद थीं. उस वक्त पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा था ‘देखते हैं. आज इस मामले में फैसले का अहम दिन है.
किन टेलीकॉम कंपनियों के नाम
तीन टेलीकॉम कंपनियां- स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडु) लिमिटेड पर भी इस मामले में केस चला था. अदालत ने अक्टूबर 2011 को तीनों के खिलाफ आरोप तय किये थे. सीबीआई ने राजा और अन्य आरोपियों के खिलाफ अप्रैल 2011 में आरोप पत्र दाखिल किया था. सीबीआई ने आरोप लगाया था कि 122 लाईसेंस के आवंटन से 30,984 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था जिसे दो फरवरी 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था.
यूपीए सरकार में दूरसंचार मंत्री रहे ए राजा पर पर साल 2011 में लाइसेंस बांटे. इससे सरकार को घाटा हुआ. इसके अलावा आरोप था कि उन्होंने पसंदीदा कंपनियों को लाइसेंस दिया. इस मामले में जांच हुई और ए राजा को जेल जाना पड़ा. इस मामले में तमिलनाडू के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की बेटी कनिमोझी को भी जेल हुई थी. इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय और उस वक्त के वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर भी सवाल खड़े किये गये थे. इस मामले में हंगामा तब हुआ जब ए राजा ने कहा था कि उन्होंने जो फैसला लिया उसकी जानकारी तत्कालीन प्रधानमंत्री डाॅ मनमोहन सिंह को थी.