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पनामा पेपर्स मामले में भाकपा ने भारतीयों के खिलाफ की गयी कार्रवार्इ पर मांगा श्वेत पत्र

नयी दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने उन भारतीयों के खिलाफ की गयी कार्रवार्इ पर गुरुवार को श्वेत पत्र की मांग की, जिनके नाम पनामा पेपर्स में आये थे. भाकपा ने सरकार पर कालाधन रखने वालों के खिलाफ कोई कार्रवार्इ नहीं करने का आरोप लगाया. भाकपा महासचिव सुधाकर रेड्डी ने एक पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र […]

नयी दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने उन भारतीयों के खिलाफ की गयी कार्रवार्इ पर गुरुवार को श्वेत पत्र की मांग की, जिनके नाम पनामा पेपर्स में आये थे. भाकपा ने सरकार पर कालाधन रखने वालों के खिलाफ कोई कार्रवार्इ नहीं करने का आरोप लगाया. भाकपा महासचिव सुधाकर रेड्डी ने एक पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद दिलाया कि उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में वादा किया था कि चुनाव जीतने पर कालाधन वापस लायेंगे.

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रेड्डी ने कहा कि हम समझते हैं कि सरकार के पास उन 500 लोगों की सूची है, जिनके नाम विदेश में अपना कालाधन निवेश करने या जमा कर रखने को लेकर पनामा पेपर्स में आये हैं. हम आपसे इस संबंध में सरकार द्वारा की गयी कार्रवार्इ पर श्वेत पत्र प्रकाशित करने की मांग करते हैं. वाम नेता ने कहा कि चुनाव के बाद साढ़े तीन साल बीत गये, लेकिन कालाधन रखने वालों, जिनमें आपके अपने लोग, समर्थक, कारपोरेट संरक्षक हैं, के खिलाफ कोई ठोस कार्रवार्इ नहीं की गयी.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इतना ज्यादा कालाधन है कि हर भारतीय के बैंक खाते में 15लाख रुपये जमा करने के बाद भी दशकों तक देश के विकास के लिए पर्याप्त बचेगा. उन्होंने कहा कि कुछ अन्य देशों में कुछ नेता इस पेपर्स में नाम आने के बाद सत्ता से हटाये गये, लेकिन हमारे देश में विदेशी बैंकों में कालाधन रखने वाले 500 जमाकर्ता न तो सार्वजनिक किये गये और न ही उनके खिलाफ कार्रवार्इ की गयी.

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