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अगला राष्ट्रपति कौन ? कई गैर राजग दलों को साधने में जुटी भाजपा

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव के तारीखों के एलान के साथ ही सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच समीकरण साधने की कोशिश तेज होती दिख रही है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की एक अनौपचारिक बैठक हुई है,जिसमें राष्ट्रपति चुनाव को लेकर रणनीति बनाने पर विचार किया गया. विपक्ष की ओर से सरकार […]

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव के तारीखों के एलान के साथ ही सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच समीकरण साधने की कोशिश तेज होती दिख रही है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की एक अनौपचारिक बैठक हुई है,जिसमें राष्ट्रपति चुनाव को लेकर रणनीति बनाने पर विचार किया गया. विपक्ष की ओर से सरकार पर राष्ट्रपति पद के लिए सर्वानुमति बनाने के दबाव के तहत भी इस बैठक को महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बैठकें पहले भी हुई है. इसलिए माना जा रहा है कि अब सत्ता पक्ष इस दिशा में प्रयास तेज करेगा.

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वैसे मौजूदा समय में आंकड़ों के लिहाज से एनडीए का पलड़ा भारी है, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दल एक साझा उम्मीदवार को उतार कर एनडीए काे चुनौती पेश करने का कोशिश कर सकता है. इस बाबत सरकार ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है और कई नामों को लेकर चर्चा हो रही है. अंदरखाने एनडीए सरकार राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एआइएडीएमके, टीआरएस, वायएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल से लगातार संपर्क में रही है. वोट शेयर के मामले में एनडीए को कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष से तकरीबन 15 फीसदी बढ़त हासिल है.

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भाजपा में चल रहा कई नामों पर मंथन

राष्ट्रपति पद की दौड़ में भाजपा मार्गदर्शक मंडल में शामिल वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के शामिल होने की खबरें हैं. बाबरी मसजिद मामले में आरोप तय होने के बाद इनकी दावेदारी को लेकर संदेह पैदा हो गया था, लेकिन सूत्रों के मुताबिक संघ संघ मुरली मनोहर जोशी के पक्ष में है. स्पीकर सुमित्रा महाजन, केंद्रीय मंत्री वैंकैया नायडू, सुषमा स्वराज, थावरचंद गहलोत का नाम भी चर्चा में हैं. सूत्रों का कहना है कि झारखंड की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू पर भी विचार हो रहा है. आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली मुर्मु को राष्ट्रपति बनाकर भाजपा यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि वह समाज के वंचित तबकों की हितैषी है. गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव और इन राज्यों में आदिवासी मतदाताओं की संख्या काफी मायने रखती है.

सभी दलों से बात करेगी कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि यदि एनडीए सरकार बातचीत की पहल नहीं करती है, तो विपक्ष किसी योग्य उम्मीदवार के बारे में आम सहमति से फैसला करेंगे. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि भाजपा या राजग सरकार देश को हल्के में नहीं ले सकती. बहुत से योग्य उम्मीदवार हैं. यदि वे विपक्ष से बातचीत करने की पहल नहीं करते हैं ये दल (विपक्ष) किसी योग्य उम्मीदवार के बारे में आम सहमति से फैसला करेंगे.’ सिंघवी ने कहा कि इसी उद्देश्य से शीर्ष स्तर पर कई बैठकें हुई हैं. किन्तु इसके लिए बहुत सारी बातों पर विचार विमर्श करने की जरुरत है. इसी लिए प्रत्येक पार्टी से दो दिन प्रतिनिधियों को इस बारे में बातचीत करने के लिए तय किया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने इसी बारे में बात की थी. अन्य पार्टियों में भी ऐसे वार्ताकार होंगे. उल्लेखनीय है कि मंगलवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक उप समूह बनाने को कहा था.

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