Sheesham Leaves For Benefits: आयुर्वेद और देसी चिकित्सा में कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जिनका उपयोग सदियों से स्वास्थ्य के लिए किया जाता रहा है. इन्हीं में से एक है शीशम का पेड़. लेकिन आमतौर पर लोग शीशम की लकड़ी को बहुत उपयोगी और कीमती मानते हैं. इसकी वजह ये है कि इस पेड़ की लकड़ी टिकाऊ होने के साथ साथ मजबूत भी होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं इस पेड़ की लकड़ी के साथ साथ इनकी पत्तियां भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है. आयुर्वेद और लोक चिकित्सा में भी इसका उल्लेख है. आइये जानते हैं इसके क्या क्या लाभ हैं.
सूजन और जोड़ों के दर्द में राहत
आयुर्वेद के अनुसार शीशम की पत्तियों में सूजनरोधी गुण पाए जाते हैं. पत्तियों का लेप बनाकर लगाने से जोड़ों के दर्द, मोच और हल्की सूजन में राहत मिल सकती है. ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी इसका प्रयोग किया जाता है.
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त्वचा के रोगों में उपयोगी
शीशम की पत्तियों का रस या पेस्ट फोड़े-फुंसी, खुजली और छोटे घाव में लाभकारी माना जाता है. इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्व संक्रमण को रोकने में मदद कर सकते हैं.
पाचन तंत्र के लिए सहायक
लोक मान्यताओं के अनुसार शीशम की पत्तियों का काढ़ा सीमित मात्रा में लेने से पेट दर्द, गैस और हल्के दस्त जैसी समस्याओं में राहत मिल सकती है.
बुखार में भी होता है इस्तेमाल
कुछ इलाकों में शीशम की पत्तियों का काढ़ा सामान्य बुखार और शरीर दर्द में भी उपयोग किया जाता है. हालांकि इसे घरेलू उपाय के तौर पर ही देखा जाता है.
कृमिनाशक गुण
आयुर्वेद में शीशम की पत्तियों को पेट के कीड़ों को नियंत्रित करने वाला भी माना गया है. यही वजह है कि पारंपरिक चिकित्सा में इसका उपयोग किया जाता रहा है.
सावधानी भी जरूरी
- विशेषज्ञों के अनुसार, शीशम की पत्तियां औषधीय जरूर हैं, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन से बचना चाहिए.
- गर्भवती महिलाएं और बच्चे बिना डॉक्टर की सलाह इसका प्रयोग न करें
- किसी गंभीर बीमारी में केवल घरेलू उपायों पर निर्भर न रहें
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