Covid-19: स्वतंत्र शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक IIT कानपुर के अध्ययन के अनुसार, भारत में चौथी लहर 22 जून के आसपास, 23 अगस्त को चरम पर और 24 अक्टूबर को समाप्त हो सकती है. अध्ययन में यह भी कहा गया है कि चौथी लहर चार महीने तक जारी रहेगी. बता दें कि इसी शोध दल ने यह भी भविष्यवाणी की थी कि तीसरी लहर 3 फरवरी तक चरम पर होगी.
टीकाकरण, एकमात्र रास्ता
आईआईटी के शोधकर्ताओं ने माना है कि टीकाकरण का प्रभाव - पहली, दूसरी या बूस्टर खुराक संक्रमण की संभावना, संक्रमण की डिग्री और चौथी लहर से संबंधित विभिन्न मुद्दों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
भारत में 86.2 करोड़ लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है
भारत में 86.2 करोड़ लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है. यह देश की कुल जनसंख्या का 62.5% है. साथ ही, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 12-14 वर्ष की आयु के 2.95 करोड़ से अधिक बच्चों को कोविड टीकाकरण की पहली खुराक दी गई है.
चौथी लहर से निपटने में टीकाकरण महत्वपूर्ण
महाराष्ट्र सरकार और यूनिसेफ की बाल स्वास्थ्य पर वरिष्ठ सलाहकार डॉ मृदुला फड़के के अनुसार हालांकि भारत में बच्चों में कोविड के मामलों में गंभीरता की संभावना कम है, फिर भी चौथी लहर से निपटने में टीकाकरण महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि यदि लोग टीकाकरण के लिए नहीं जाते हैं, तो वायरस को गुणा करने, उत्परिवर्तित करने और प्रतिरक्षा तंत्र से बचने का अवसर मिल सकता है, जिसके परिणामस्वरूप चौथी लहर हो सकती है.
मास्क पहनना, टीका लगवाना जरूरी
संक्रमण के एक और उछाल को रोकने के लिए हम सभी के लिए मास्क पहनना, टीका लगवाना और कोविड के दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है.
नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में भारत में 1.48 लाख लोगों की मौत कोविड से हुई, जबकि 2021 में 3.32 लाख लोगों की मौत हुई. पिछले कुछ हफ्तों में भारत में कोविड की संख्या में वृद्धि हो रही है.