मुंबई : बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन ने 25 साल के बाद बच्चन और गांधी परिवार की नजदीकियों के बारे में जिक्र किया है. दोनों परिवार के बीच गहरी दोस्ती की खबरें मीडिया में आती रही हैं, लेकिन 1992 के बाद दोनों परिवार के बीच दुरियों की भी खबरें मीडिया में प्रमुख्ता के साथ आयीं.
शुक्रवार को एक प्रोग्राम में अमिताभ बच्चन ने कहा, गांधी परिवार के साथ बच्चन परिवार की दोस्ती अब भी बरकरार है. राजनीति छोड़ने से दोस्ती में कोई फर्क नहीं पड़ा है. अमिताभ ने कहा, हमलोग कलाकार हैं, लोग हमें प्यार करते हैं और उनके प्यार के बदले हमें उन्हें कुछ देना पड़ता है.
* राजनीति में आना इमोशनल फैसला
कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन ने कहा, राजनीति में आना उनका इमोशनल फैसला था. उन्होंने कहा, मैं राजनीति में अपने दोस्त की मदद करने के लिए गया था, लेकिन वहां इमोशन का कोई जगह नहीं है. इसलिए मैंने राजनीति से बहुत जल्द दूरी भी बना ली. ज्ञात हो अमिताभ बच्चन अपने दोस्त और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कहने पर 1984 में इलाहाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ा था और भारी अंतर से जीत दर्ज की थी, लेकिन अमिताभ ने महज 3 साल में ही सांसदी से इस्तीफा दे दिया और राजनीति से ही अलग हो गये. माना जाता है राजीव गांधी की हत्या के बाद दोनों परिवारों के बीच दूरियां बढ़ने लगी.
अमिताभ ने अपने राजनीतिक जीवन की एक घटना के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि जब कांग्रेस की ओर से असम में चुनावी रैली करने गया था उस समय मेरी हेलिकॉप्टर विपक्ष के नेता के क्षेत्र में उतारा गया था. लेकिन कुछ ही देर बाद पुलिस ने उस जगह को छोड़ने का आग्रह किया. इसी दौरान एक शख्स ने हेलिकॉप्टर की खिड़की पर पत्थर फेंका और मेरे हाथ में एक कागज रख दिया. उसमें लिखा था, मैं आपका बहुत बड़ा फैन हुं, लेकिन यहां आकर आपने गलती की है.