जयपुर/मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान ने हाल ही में बकरीद पर होने वाली कुर्बानी पर टिप्पणी की थी, जिसे लेकर धर्मगुरुओं ने उन्हें आड़े हाथ लिया है. उन्होंने तीखा जवाब देते हुए कहा उन्हें (इरफान) सिर्फ अपने काम पर ध्यान देने चाहिये.
वहीं अभिनेता ने वापस जवाब देते हुए कहा है कि वह उनसे नहीं डरते हैं, क्योंकि वह धार्मिक ठेकेदारों द्वारा चलाए जा रहे देश में नहीं रहते हैं. इरफान ने ट्वीट किया, ‘कृपया भाइयों, जो भी मेरे बयान से दुखी हैं, या तो आप आत्मविश्लेषण के लिए तैयार नहीं हैं, या फिर आपको निष्कर्ष तक पहुंचने की बहुत जल्दी है.’
49 वर्षीय अभिनेता ने ट्वीट किया है, ‘मेरे लिए धर्म व्यक्तिगत आत्मविश्लेषण है, यह करुणा, ज्ञान और संयम का स्रोत है, यह रुढिवादिता और कट्टरता नहीं है. धर्मगुरुओं से मुझे डर नहीं लगता. शुक्र है भगवान का कि मैं धर्म के ठेकेदारों द्वारा चलाए जाने वाले देश में नहीं रहता.’
हाल ही में अपनी फिल्म ‘मदारी’ के प्रचार के लिए जयपुर आए इरफान ने बकरीद पर मासूम जानवरों की कुर्बानी दिए जाने पर सवाल उठाया था.
इरफान ने कहा था, ‘लोगों को इस रिवाज के पीछे के वास्तविक कारण को समझना चाहिए. जब रिवाज शुरु हुआ होगा, तब जानवर भोजन का मुख्य स्रोत थे और लोग अपने भोजन की कुर्बानी देते थे. वर्तमान में लोग बाजार से दो बकरियां खरीदते हैं और कुर्बानी के नामपर उनकी हत्या कर देते हैं, फिर यह सच्ची कुर्बानी कैसे हुई?’
मुसलमान धर्मगुरुओं ने उनकी टिप्पणी पर कडा रुख अपनाया और अभिनेता को सलाह दिया कि वे अपने काम पर ध्यान दें, धार्मिक रिवाजों की अपनी व्याख्या ना करें.
जयपुर के शहर काजी खालिद उस्मानी ने कहा, ‘इरफान अभिनेता हैं और उन्हें सिर्फ अपने काम पर ध्यान देना चाहिए. उन्हें धार्मिक ज्ञान नहीं है और उन्हें कुर्बानी या रमजान पर सवाल उठाने से पहले किसी धर्मगुरु से संपर्क कर इसके बारे में सीखना चाहिए था.’
उन्होंने कहा कि इस्लाम अस्पष्ट नहीं है और इरफान को अपना ज्ञान बढाना चाहिए. एक अन्य विद्वान और जमात-ए-उलेमा-ए-हिन्द के प्रदेश सचिव मौलाना अब्दुल वाहिद खातरी ने कहा कि अभिनेता को धर्म पर टिप्पणी करने के स्थान पर अपने करियर पर ध्यान देना चाहिए.