किशोर दा का आज (4 अगस्त) को 86वां जन्मदिवस है. इस मौके पर स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने भी उन्हें याद किया है. उन्होंने ट्वीटर पर लिखा है कि,’ आज किशोर दा का जन्मदिन है. किशोर दा आप बहुत याद आ रहे हो.’
Aaj Kishore Da ka janamdin hai.Kishore Da aap bohot yaad aarahe ho. http://t.co/ZGXgZ7DVdC pic.twitter.com/JeHv4VpdMm
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) August 4, 2014
किशोर कुमार के गाने के लोग दिवाने हैं लेकिन एक वक्त ऐसा था जब उनको बॉलीवुड में ठहरे रहने के लिए मेहनत करनी पड़ी. एक जमाना था जब केवल देवानंद की फिल्मों में उनको गाने का मौका मिलता था लेकिन फिल्म ‘आराधना’ उनके जीवन के लिए मील का पत्थर साबित हुई.
एक मध्यमवर्गीय बंगाली परिवार में जन्मे किशोर ने हिंदी सिनेमा के तीन नायकों को महानायक का दर्जा दिलाने में खास भूमिका निभाई है. एक वक्त था जब बॉलीवुड के कई महानायकों की आवाज थे किशोर दा. उनकी आवाज के जादू से देवानंद सदाबहार हीरो कहलाए और राजेश खन्ना को सुपर स्टार बनाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है.
कहा जाता है कि किशोर की आवाज के कारण ही अमिताभ बच्चन महानायक कहलाने लगे. 1960 में किशोर कुमार और मधुबाला ने शादी की और उन्होंने अपना नाम बदलकर इस्लामिक नाम करीम अब्दुल रख लिया था. फिल्म महलों के ख्वाब में ये दोनों करीब आए थे.
किशोर कुमार यूं तो अशोक कुमार यानी दादामुनी के भाई थे, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से हिंदी सिनेमा में अलग पहचान बनाई. साल 1969 में निर्माता निर्देशक शक्ति सामंत की फिल्म आराधना के जरिए किशोर गायकी के दुनिया के बेताज बादशाह बने. इस फिल्म में किशोर कुमार ने ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू’ और ‘रूप तेरा मस्ताना’ जैसे गाने गाए और फेमस हो गए.
फिल्मों में उनके हास्य किरदार को लोगों ने खूब सराहा. उनकी फिल्म प़डोसन को लोग आज भी याद करते हैं तो हंस के लोट-पोट हो जाते हैं.किशोर दा के गानों को सुनकर आज भी लोग मंत्रमुग्ध हो जाते है.