मुंबई:बॉलीवुड के मंझे हुए अभिनेता अनुपम खेर का कहना है कि 30 साल पहले पर्दे पर आयी उनकी फिल्म ‘सारांश’ ने उनकी सोच को बदला और उन्हें एक बेहतर इंसान बनाया.
1984 में आयी इस पारिवारिक फिल्म को 1985 में आस्कर्स की श्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्मों की श्रेणी में भारत की पहली आधिकारिक प्रविष्टि के तौर पर भेजा गया था. 59 वर्षीय खेर ने ट्वीट किया, ‘सारांश 25 मई 1984 को रिलीज हुई थी. इस शानदार फिल्म उद्योग में इसने 30 साल पूरे किये, क्या सफर था.’ खेर ने लिखा, ‘सारांश ने मेरा जीवन ..मेरी सोच को हमेशा के लिए बदल दिया. इसने मुङो एक बेहतर इंसान बनाया.
यह एक फिल्म नहीं बल्कि मेरे लिए एक दर्शन है.’ फिल्म में रोहिणी हट्टंगडी, मदन जैन, नीलू फूले, सुहास भालेकर और सोनी राजदान भी अहम किरदारों में थे. सारांश के बाद खेर ने ‘राम लखन’, ‘चालबाज’, ‘बेटा’, ‘1942: अ लव स्टोरी’, ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’ और ‘स्पेशल 26’ जैसी कई फिल्मों से अपने अभिनय का लोहा मनवाया. खेर ने हॉलीवुड में भी अपने हाथ आजमाये और रोबर्ट डी नीरो के साथ ‘सिल्वर लाइनिंग्स प्लेबुक’ में काम किया.