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खास बातचीत : बोले एहसान कुरैशी- हास्य कलाकारों के लिए सोशल मीडिया परेशानी का सबब

रांची : स्टैंडअप कॉमेडी के जाने-माने कलाकार एहसान कुरैशी का मानना है कि सोशल मीडिया पेशेवर हास्य कलाकारों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. जो पुराने कलाकार हैं, उनको पुराने शो यू-ट्यूब, फेसबुक या सोशल मीडिया के अन्य साधनों पर उपलब्ध हो गये हैं. इससे स्टेज शो के दौरान कालाकारों से कुछ नया […]

रांची : स्टैंडअप कॉमेडी के जाने-माने कलाकार एहसान कुरैशी का मानना है कि सोशल मीडिया पेशेवर हास्य कलाकारों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. जो पुराने कलाकार हैं, उनको पुराने शो यू-ट्यूब, फेसबुक या सोशल मीडिया के अन्य साधनों पर उपलब्ध हो गये हैं. इससे स्टेज शो के दौरान कालाकारों से कुछ नया पेश करने को कहा जाता है. कलाकार थोड़ा तो नया कर सकते हैं, लेकिन बार-बार नया करना परेशानी का कारण होता है. दूसरी ओर, यह भी है कि नये कलाकारों को सोशल मीडिया एक मंच भी दे रहा है. इसी मंच का उपयोग कर कई कलाकार बड़े परदों पर भी आ रहे हैं. श्री कुरैशी शनिवार को कोकर स्थित प्रभात खबर कार्यालय आये. उनसे मनोज सिंह व पूजा सिंह ने बात की. बातचीत के दौरान श्री कुरैशी ने कहा कि लोगों को हंसाना एक कला है. इस कला के माध्यम से अच्छे कलाकार एक संदेश देने की कोशिश करते हैं. यही संदेश देने की कोशिश मेरे स्टेज शो के दौरान होती है. मेरे गुरु कहते थे कि हंसते-हंसाते ऐसी बात कह जाना, जिसे लोग जीवन भर याद रख पायें. यही कारण है शो के दौरान राष्ट्रवाद, परिवार, समाज को लेकर कुछ संदेश देने की कोशिश जरूरत करता हूं.

-क्या बिग बॉस का स्क्रिप्ट फिक्स होता है. इसमें आपका कैसा अनुभव रहा?

– बिग बॉस का स्क्रिप्ट फिक्स नहीं होता है. कहने वाले जो भी कहे, लेकिन सच्चाई यही है. मैं बिग बॉस सीजन टू में था. इसमें कई जाने-माने लोग थे. हम लोगों के एक घर में भेज दिया गया था. वहां कोई नहीं दिखता था. बस एक दूसरे को देखते मन भर जाता है. इस कारण आपस में तनाव भी हो जाता है. परिस्थिति ही ऐसी बन जाती है.

-क्या नहीं लगता है कि आपका स्टाइल मोनोटोनस होता जा रहा है?

– यही तो मेरी टीआरपी है. अगर मैं अपना स्टाइल छोड़ दूंगा, तो मुझे कोई क्यों बुलायेगा. किसी भी आदमी को अपना स्टाइल या पहचान नहीं खोना चाहिए. कई बार लोगों ने मुझसे कहा कि आप अपना स्टाइल छोड़ दीजिए. मैंने उनको बताया था कि स्टाइल छोड़ दूंगा तो मैं खत्म हो जाऊंगा.

-कहां से लाये इस तरह बोलने की स्टाइल?

-यह मैंने किसानों से सीखा है. गांव में जब एक किसान अपने बेटे या दूसरे को आवाज देते तो काफी प्यार से लंबी आवाज देकर बुलाते हैं. इसमें मुझे बहुत प्यार नजर आता है. इसी को मैंने अपनी कला में उतारा. मेरा यही स्टाइल लोगों को पसंद आ रहा है.

-आप एक कवि हैं, फिर कॉमेडी शो, दोनों में तालमेल कैसे बिठाते हैं?

-शुरू में जब कॉमेडी शो करने लगा तो कवि दोस्तों ने कहा कि स्तर गिर जायेगा. इस तरह के शो नहीं किया करो. बाद में मैंने उनको समझाया कि अच्छी कविताओं और रचनाओं के माध्यम से भी लोगों को हंसाया जा सकता है. यही काम आज कर रहा हूं.

-देश के लोगों को कोई संदेश देना चाहते हैं?

-जब धारा 370 हटाने से पहले कश्मीर जाता था, तो वहां के टैक्सी ड्राइवर पूछते थे कि आपको मेरा मुल्क कैसा लगा? मैं उनसे पूछता था कि यह तो भारत है. यहां कानून भारत का लागू होता है. पैसा भारत का चलता है. सेना भारत की है. तो यह भारत से अलग कैसे हुआ. उन्हीं लोगों को बताता हूं..

‘बेसहारों का हमेशा सहारा रहेगा

तरक्की के लिए हमेशा इशारा-इशारा

धारा 370 खत्म करके दुनिया को बता दिया कि

कश्मीर हमारा था, रहेगा हमारा. ‘

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