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बोले ‘मिस्टर गे इंडिया’ के विजेता सुशांत- कलाकार को उनकी कला से जज करें उनकी समलैंगिकता से नहीं

‘मिस्टर गे इंडिया’ के विजेता, बिग बॉस सीजन 8 के प्रतियोगी सुशांत दिवगीकर इन दिनों सिंगिंग रियलिटी शो सारेगामापा में बतौर प्रतियोगी नजर आ रहे हैं. उनकी मानें तो संगीत हमेशा से उनमें था.वह औरत और पुरुष दोनों की आवाज में गाकर अपनी यूएसपी करार देते हैं. वह कहते हैं कि लोग कला को देखें. […]

‘मिस्टर गे इंडिया’ के विजेता, बिग बॉस सीजन 8 के प्रतियोगी सुशांत दिवगीकर इन दिनों सिंगिंग रियलिटी शो सारेगामापा में बतौर प्रतियोगी नजर आ रहे हैं. उनकी मानें तो संगीत हमेशा से उनमें था.वह औरत और पुरुष दोनों की आवाज में गाकर अपनी यूएसपी करार देते हैं. वह कहते हैं कि लोग कला को देखें. उनकी आवाज से लोग उन्हें जज करें उनके गे या समलैंगिक होने पर नहीं. सुशांत की उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

-रानी कोहिनूर के तौर पर सारेगामापा रियलिटी शो में आने की क्या वजह थी?
रानी कोहिनूर मेरा ड्रैग पर्सोना है. एक जगह लाइव परफॉर्मेस देने के बाद वहां मुझे ये नाम मिला. मुझे कभी ये नहीं लगा कि आप अगर नाइट क्लब, बार या लाऊंज में गाते हैं तो आपकी इज्जत कम होती है क्योंकि कला कला होती है. लोगों का जैसा नजरिया होता है वो वैसा देखते है. उस लाइव शो में मुझे बहुत ही ग्रांड तरीके से लांच किया था. उस होटल के जो डायरेक्टर थे उन्होंने कहा कि सबसे महंगा हीरा जो है वो है कोहिनूर. आप सबसे अलग हो. आप मर्द की आवाज में गाते हो और औरत की आवाज में भी. आप दोनों के लिबास में परफॉर्म भी करते हो इसलिए आप भी कोहिनूर हो.

-रानी कोहिनूर के लुक में परफॉर्म करना कितना चुनौतीपूर्ण होता है?

बहुत मुश्किल होता है आदमी के भेष से औरत बनने में. मेकअप, कपडे और चाल-ढाल पर भी काम करना होता है. इस कैरेक्टर को बनाने में बहुत मेहनत करनी होती है, लेकिन मैं थकता नहीं हूं. मुझे लगता है कि इसके जरिए मैं एलजीबीटी कम्युनिटी के बारे में लोगों की सोच को बदल सकता हूं अगर मैं थक गया तो ये आगे कैसे बढ़ेगा. ऐसा नहीं है कि हम मजाक बना रहे हैं महिलाओं का. हम उनकी खूबसूरती को दिखाते हैं.

-क्या आपने कहीं से सिंगिंग का प्रशिक्षण भी लिया है?
मैंने सिंगिंग में कभी ट्रेनिंग नहीं ली है, लेकिन हां मेरी फैमिली में सिंगिंग को बहुत मानते हैं. मेरे पापा की बहन नोबिना मिरजांकर वो सारेगामापा के सेंकेड सीजन की विनर रह चुकी हैं. उस वक्त सोनू निगम शो होस्ट करते थे. मैं आंटी के साथ छोटी उम्र से ही स्टेज पर शो करता था. मैंने निजी तौर पर कभी ट्रेनिंग नहीं ली है. मेरा गाने का स्टाइल बहुत अलग है. मेरा पॉप, जैज वाला टेक्सचर है गाने का. मैंने क्लासिकल गाने का रियाज किया था लेकिन मेरी आवाज पर शायद बैठा नहीं. मेरा रियाज बिल्कुल अलग होता है. मेरा जो वेरिएशन होता है. वो अलग होता है. मुझे लगता है कि हर आर्टिस्ट की अलग यूएसपी होनी चाहिए. उस पर अगर हम ध्यान देंगे तो हमारा टैलेंट और उभरकर सामने आयेगा. किसी और की नकल करने से ये बेहतर है.

-377 हाल में खत्म हुआ. क्या कानून मे आये बदलाव से लोगों की सोच में भी बदलाव आया है?
कानून में जो बदलाव आया है. वो बहुत बडा बदलाव है. सुप्रीम कोर्ट ने बहुत अच्छा फैसला लिया है मगर मेरे हिसाब आप जितने भी नियम बना लो. लोगों के माइंडसेट बदलने में समय तो जाता ही है. अब उससे हमारी जंग है क्योकि हम भी इंसान हैं. जितने आप हो. हम भी वही खाना खाते हैं. जो आप खाते हो. हमे भी ठीक वैसे ही प्यार होता है जैसे आपको होता है. ये लोगों को समझने में टाइम लगेगा क्योंकि इतने साल लोगों ने हमारा इतना मजाक बनाया है. लोगो ने मीडिया और फिल्मों में हमें इतने घटिया तरीके से दिखाया है.हालांकि अब बदलाव होने लगा है, लेकिन बहुत काम अभी बाकी है. इसी सोशल मीडिया में आप देखोगे हर कमेंट के सेक्शन में कितना गंदा बोलते हैं और कितना ट्रोल करते हैं.

-अपनी अब तक कि जर्नी को किस तरह देखते हैं?
मैंने बहुत कुछ मेरी जिंदगी में झेला है. मैंने सबकुछ बोल दिया तो किसी को विश्वास भी नहीं होगा. इतना कुछ झेला है. वो सब बोलूंगा तो लोगों का ध्यान उसपर चला जायेगा. मैं चाहता हूं कि लोग पॉजिटिव देखें. जो मीडिया और इंडस्ट्री में अच्छे लोग हैं. मैं उनके बारे मे ज्यादा बाते करुंगा ना कि बुरे लोगों के बारे में. हर इंडस्ट्री की तरह ग्लैमर इंडस्ट्री में भी बुरे लोग हैं लेकिन अच्छे भी है. अगर मैंने अपने आपको पॉजिटिव नहीं रखा तो कल ही मैं इतना निगेटिव हो जाऊंगा कि मैं मर जाऊंगा.मेरे मां बाप ने यही सीखाया है कि अगर आपको लड़ना है तो पूरी ताकत से लड़ो. वरना मत लडो़. वो मराठी में बोलते हैं कि ‘रडीच्या दांव नाहीं खेलच्या’ मतलब रोते रोते मत लडो. मैं ऐसा क्यों हूं. दूसरे लोगों की तरह क्यों नहीं हूं. ये सब को कोसने से अच्छा है. मैं अपने और अपनी कम्युनिटी के लिए बराबरी की दुनिया बनाने के लिए लड़ूं.

-इस रियलिटी शो के अलावा म्यूजिक फ्रंट पर और क्या चल रहा है?
मेरा एक बैंड हैं जहां पर हम लाइव परफॉर्म करते हैं. टॉप स्टोरीज मेरे बैंड का नाम है. इस बैंड से मुझे बहुत ताकत मिलती है. मेरे बैंड में सारे लड़के है.ं सभी स्ट्रेट है. मैं गे हूं इससे उन्हें मतलब नहीं है. हम साथ में परफॉर्म करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि हम सारे म्यूजिक से बने हैं. हमारा एक ही मकसद है अपना म्यूजिक बजाना. जल्द ही प्लेबैक सिंगर के तौर पर मेरी दो फिल्में रिलीज हो रही है. पहली बार होगा कि कोई गे सिंगर गाना गा रहा है. मराठी फिल्म माझी बायको का प्रियवर पहली फ़िल्म है. इस फिल्म में मैं हीरो हीरोइन दोनों के लिए गा रहा हूं. जो बहुत ही प्रोगेसिव सोच है. दूसरी फिल्म विट्ठल है.उसमें विशाल ददलानी ने भी एक गाना गाया है. उम्मीद करता हूं कि जल्द ही बॉलीवुड में भी मुझे सिंगिंग का मौका मिलेगा.

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