नयी दिल्ली : अपने पिता विनोद खन्ना को मरणोपरांत मिला दादा साहेब फाल्के पुरस्कार ग्रहण करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद अभिनेता अक्षय खन्ना ने कहा कि यह उनके परिवार के लिए खुशी और गम दोनों का पल है.
उन्होंने कहा, हम एक परिवार के रूप में बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. यह हमारे लिए खुशी और गम, दोनों का पल है. काश मेरे पिता यह पुरस्कार लेने के लिए यहां होते. मुझे उनकी कमी खल रही है. यह हमारे लिए जज्बातों से भरा दिन है.
समारोह में ‘मॉम’ फिल्म के अभिनेता अपनी सौतेली मां कविता दफ्तरी के साथ आये थे. खन्ना का पिछले साल 27 अप्रैल को निधन हो गया था. वह कैंसर से पीड़ित थे.
1968 में आयी फिल्म ‘मन का मीत’ से करियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता की आखिरी फिल्म शाहरुख खान अभिनीत ‘दिलवाले’ थी. खन्ना राजनीति में भी सक्रिय थे और चार बार लोकसभा चुनाव जीते थे. वह केंद्रीय मंत्री भी रहे. फिल्म करियर की शुरुआत नकारात्मक भूमिकाओं से करने के बाद खन्ना हिंदी फिल्मों में नायक की भूमिकाओं में नजर आने लगे.
नायक के रूप में उनकी पहली फिल्म ‘हम तुम और वो’ थी. उनकी प्रमुख फिल्मों में ‘ऐलान’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘मेरे अपने’, ‘परवरिश’, ‘जमीर’, ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘हेराफेरी’, ‘खून पसीना’ सहित अन्य शामिल हैं.