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तीसरी मंज़िल की पहली पसंद नहीं थे पंचम दा

70 के दशक की मशहूर फिल्म तीसरी मंज़िल की सफलता में संगीतकार आरडी बर्मन के संगीत का विशेष योगदान रहा था. फिल्म का गीत ‘ओ हसीना जुल्फों वाली’ से लेकर ‘ओ मेरे सोना रे’ हर चार्टबस्टर्स में था. लेकिन कम लोग जानते हैं कि फिल्म के हीरो शम्मी कपूर और निर्माता नासिर हुसैन नहीं चाहते […]

70 के दशक की मशहूर फिल्म तीसरी मंज़िल की सफलता में संगीतकार आरडी बर्मन के संगीत का विशेष योगदान रहा था. फिल्म का गीत ‘ओ हसीना जुल्फों वाली’ से लेकर ‘ओ मेरे सोना रे’ हर चार्टबस्टर्स में था.

लेकिन कम लोग जानते हैं कि फिल्म के हीरो शम्मी कपूर और निर्माता नासिर हुसैन नहीं चाहते थे कि फिल्म में आरडी बर्मन संगीत दें, क्योंकि उस फिल्म से पहले तक पंचम दा संगीत की दुनिया का बड़ा नाम नहीं बन पाये थे. यह फिल्म उनके लिए बहुत बड़ा मौका थी. निर्माता नासिर हुसैन रिस्क लेना नहीं चाहते थे, लेकिन निर्देशक विजय आनंद आरडी को ही लेना चाहते थे. आखिरकार नासिर हुसैन को भी मानना पड़ा और पंचम दा ने यादगार संगीत दिया.

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