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Success Story: ट्यूशन पढ़ाकर बोकारो के सौरभ कुमार ने हासिल की UPSC CAPF में 139वीं रैंक, रचा सफलता का कीर्तिमान

Success Story: बोकारो के सौरभ कुमार ने UPSC CAPF 2024 परीक्षा में 139वीं रैंक हासिल कर राज्य का नाम रोशन किया. आर्थिक चुनौतियों के बीच उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई और तैयारी जारी रखी. SSB को पहली पसंद बनाकर उन्होंने बॉर्डर ड्यूटी के प्रति अपनी रुचि जाहिर की. मॉक इंटरव्यू में इकोनॉमिक्स से लेकर झारखंड की राजनीति तक बेबाकी से जवाब दिए. उनकी कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा है.

Success Story in Hindi: झारखंड के सौरभ कुमार ने UPSC CAPF 2024 परीक्षा में 139वीं रैंक हासिल कर पूरे राज्य का नाम रोशन किया है. सीमित संसाधनों और पारिवारिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने यह सफलता होम ट्यूशन से खुद का खर्च चलाकर हासिल की. उनका जन्म बोकारो में हुआ, पढ़ाई रांची और दिल्ली में हुई, और जीवन की कठिनाइयों ने उन्हें जल्दी ही आत्मनिर्भर बना दिया. 

शिक्षक से सुरक्षाधिकारी बनने की राह

सौरभ ने बीए (इकोनॉमिक्स और मैथ्स) की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली में रहकर होम ट्यूशन देना शुरू किया. वे दसवीं कक्षा तक के बच्चों को गणित पढ़ाते थे. उनके पिता का निधन हो गया था, जिसके बाद उनका परिवार हजारीबाग शिफ्ट हो गया. घर की जिम्मेदारियों के बीच उन्होंने सिविल सेवा जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी की. 

UPSC CAPF Success Story: इंटरव्यू में दिखाया आत्मविश्वास

CAPF के मॉक इंटरव्यू में उन्होंने न सिर्फ अर्थव्यवस्था जैसे जटिल मुद्दों पर विचार रखे, बल्कि झारखंड की सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर भी स्पष्ट दृष्टिकोण रखा.  उनसे बोकारो स्टील और थर्मल पावर प्लांट, झारखंड विभाजन, नक्सलवाद जैसे मुद्दों पर सवाल पूछे गए, जिनका उन्होंने संतुलित उत्तर दिया. (UPSC CAPF Success Story in Hindi)

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SSB को क्यों चुना पहली पसंद?

मॉक इंटरव्यू में सौरभ ने कहा कि CAPF की सभी इकाइयों में से SSB को पहली प्राथमिकता दी. इसकी वजह उन्होंने अपने अनुभव से जोड़ी, पहली बार अपने क्षेत्र में SSB को चुनाव ड्यूटी में देखा था. साथ ही उन्होंने इंडो-नेपाल बॉर्डर का दौरा भी किया था, जिससे इस फोर्स से जुड़ाव बना. 

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संघर्ष की मिसाल, नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा

सौरभ की सफलता इस बात की मिसाल है कि आत्मविश्वास, मेहनत और संकल्प के दम पर कोई भी बाधा पार की जा सकती है. वे न सिर्फ एक सफल उम्मीदवार हैं, बल्कि आज के युवाओं के लिए एक प्रेरक कहानी भी हैं, जो बताती है कि सीमित संसाधन भी सपनों की राह में रोड़ा नहीं बनते. 

ये सक्सेस स्टोरी उनके द्वारा मीडिया में दिए गए मॉक इंटरव्यू पे बनाया गया है.

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