IdeaForge: चेन्नई की मेट्रोपॉलिटन की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने शुक्रवार को IdeaForge टेक्नोलॉजी लिमिटेड के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) विपुल जोशी के खिलाफ जारी किए गए गैर-जमानती वारंट (NBW) को वापस ले लिया है. विपुल जोशी 1 अप्रैल 2025 को कोर्ट में पेश नहीं हो पाए थे और जरूरी जमानत प्रक्रिया पूरी नहीं कर सके थे, जिसके चलते ये वारंट जारी किया गया था.
विपुल जोशी कोर्ट में हुए हाजिर, वारंट हुआ वापस
इससे पहले चेन्नई के मेट्रापॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी आरोपियों को 1 अप्रैल 2025 तक कोर्ट में पेश होकर 25 हजार की जमानत और दो जमानतदार जमा करने होंगे. लेकिन, मामला कोर्ट में पहुंचने पर पाया गया कि आरोपी अधिकारियों ने ऐसे जमानतदार पेश किए, जिनका कंपनी से कोई लेना-देना नहीं था. जब विपुल जोशी कोर्ट में पेश हुए तो वारंट को रद्द कर दिया गया. उनके साथ कंपनी के दूसरे अधिकारी अंकित मेहता, मिस्टर राहुल सिंह और मिस्टर सोमिल गौतम भी कोर्ट में मौजूद थे. अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल 2025 को होगी.
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कंपनी का आधिकारिक बयान
इस पूरे मामले में कंपनी ने बयान जारी किया है, जिसमें कहा, ‘यह मामला एक ऐसे ग्राहक से जुड़ा है, जिसने हमारी तकनीक को अपने नाम से पेश करने का प्रयास किया. उन्होंने हमारे उपकरण के साथ छेड़छाड़ की और राज्य सरकारों को गुमराह किया. जब हमने उन्हें ऐसा करने से रोका, तो उन्होंने हम पर झूठे आरोप लगाए. फिलहाल, सारे कानूनी कदम हमारे वकीलों की सलाह पर लिये जा रहे हैं और सभी प्रक्रियाएं कानून के तहत पूरी की जा रही हैं.’
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