नयी दिल्ली: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच के दायरे में आए सर्च इंजन गूगल पर भारी भरकम जुर्माना लग सकता है. यदि गूगल को देश के प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन का दोषी पाया जाता है, तो उस पर 5 अरब डालर का जुर्माना लग सकता है.
गूगल ने कहा है कि वह सीसीआई को उसकी जांच में पूरा सहयोग कर रही है. कंपनी ने कहा कि अमेरिकी प्रतिस्पर्धा नियामक की दो साल की समीक्षा से यह निष्कर्ष निकला है कि उसकी सेवाएं प्रतिस्पर्धा की दृष्टि से अच्छी हैं.भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के समक्ष यह मामला दो साल से अधिक से है. गूगल पर आरोप है कि उसने कथित तौर पर सर्च इंजन के क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति का दुरपयोग किया है. प्रतिस्पर्धा नियमन के तहत यदि किसी इकाई को नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया जाता है तो उस पर उसके तीन साल के औसत कारोबार का 10 प्रतिशत तक जुर्माना लग सकता है.
गूगल के मामले में उसका तीन साल का औसत कारोबार 49.3 अरब डालर बैठता है. ऐसे में उस पर अधिकतम 5 अरब डालर का जुर्माना लग सकता है.जांच और संभावित जुर्माने के बारे में पूछे जाने पर गूगल के प्रवक्ता ने प्रेट्र से कहा, ‘‘हम भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को उसकी जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं.’’ ईमेल से भेजे जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस बात की खुशी है कि संघीय व्यापार आयोग की दो साल की समीक्षा का निष्कर्ष यह है कि गूगल की सेवाएं लोगों के लिए और प्रतिस्पर्धा के लिए अच्छी हैं.’’
गूगल ने जहां अमेरिका व यूरोपीय संघ में प्रतिस्पर्धा के उल्लंघन का मामला निपटा लिया है, वहीं भारतीय प्रतिस्पर्धा व्यवस्था में निपटान का प्रावधान नहीं है. साथ ही सीसीआई के पास दर्ज शिकायत को भी वापस नहीं लिया जा सकता.शुरुआती जांच में उल्लंघन की पुष्टि के बाद सीसीआई ने यह मामला अपनी जांच इकाई महानिदेशक को विस्तृत जांच के लिए भेज दिया है. महानिदेशक से इस बारे में संपर्क नहीं हो पाया.
जुर्माना लगाने के अलावा सीसीआई कंपनी को अपना व्यवहार सुधारने के लिए भी आदेश जारी कर सकता है. इसके अलावा नियामक ढांचागत सुधार भी कर सकता है जिसके तहत प्रभुत्व वाली इकाई को अलग-अलग कारोबार में बांटा जा सकता है. गूगल के खिलाफ शिकायत 2011 के अंत में एडवोकेसी समूह कट्स इंटरनेशनल ने दायर की थी. बाद में शादी ब्याह कराने वाली वेबसाइट मैटरीमोनी.काम ने भी उसके खिलाफ शिकायत दायर की.
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