नयी दिल्ली : बाजार नियामक सेबी ने अवैध तरीके से धन जुटाने के मामले में 82 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली केलिए मैत्रेय सर्विसेज पर विभिन्न अचल संपत्ति की बिक्री पर रोक लगा दी है. इसमें महाराष्ट्र और गुजरात स्थित सात संपत्ति शामिल हैं. सेबी ने 22 जनवरी को कंपनी के साथ-साथ उसके दो निदेशकों वर्षा मधुसूदन सतपालकर औरजनार्दन अरविंद पारुलेकर को 15 दिन के भीतर ब्याज के साथ 82 करोड़रुपये लौटाने को कहा था. कंपनी के भुगतान करने में विफल रहने पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मार्च में महाराष्ट्र के विभिन्न भागों में सात संपत्ति कुर्क कर ली थी.
नियामक के 28 अक्तूबर के ताजा आदेश के अनुसार ऐसा लगता है कि चूककर्ता सात संपत्ति समेत अपनी अन्य संपत्ति बेचने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसी स्थिति में निवेशकों के बकाये की वसूली में देरी होगी. सेबी ने कहा कि वसूली अधिकारियों ने पहले ही कंपनी के विभिन्न बैंक एवं डिमैट खातों को कुर्क कर लिया है. हालांकि बकाये के भुगतान केलिए कोष पर्याप्त नहीं है.
चूककर्ताओं ने कहा कि वे पहले ही अक्तूबर-दिसंबर के बीच 39.62 करोेड़ का भुगतान कर चुके हैं. सेबी ने इकाइयों पर सभी अचल संपत्ति के निपटान पर रोक लगा दी है. नियामक ने इकाइयों से सभी चल और अचल संपत्ति समेत अन्य का पूरा ब्यौरा दो सप्ताह के भीतर देने को कहा है.
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