नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल रेल बजट को आम बजट में मिलाने के प्रस्ताव पर बुधवार को मंजूरी दे सकता है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक कल होनी है जिसमें इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है.रेल मंत्री सुरेश प्रभु पहले ही बजट के विलय के प्रस्ताव को अपनी सहमति दे चुके हैं. कैबिनेट की बैठक में प्रभु और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ए के मित्तल भी शामिल होंगे, जिससे वे इस ऐतिहासिक फैसले का हिस्सा बन सकें. इससे रेल बजट को अलग से पेश करने की 92 साल पुरानी परंपरा खत्म हो जाएगी. रेलवे के सूत्रों ने कहा कि कैबिनेट कल बजट विलय के प्रस्ताव पर विचार कर सकता है.
ज्ञात हो कि रेल बजट खत्म करने से रेलवे को दस हजार करोड़ रुपये की बचत का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व में रेलवे का इस्तेमाल राजनीतिक हित साधने के लिए किया गया था. वित्त बजट में इसे मिलाने से इस राजनीतिक इस्तेमाल पर रोक लग सकती है. रेल बजट का खत्म होने से रेल मंत्रालय सामान्य बजट द्वारा आवंटित किये गये राशि का उपयोग अपने हिसाब से कर सकती है. इसके साथ ही सातवें वेतन लागू होने रेलवे पर पड़ने वाले अधिभार को भी कम किया जा सकता है.
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