बेंगलूर : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सेवा कर स्वैच्छिक अनुपालन प्रोत्साहन योजना (वीसीईएस) को नई शुरुआत का दुर्लभ अवसर बताते हुए आज व्यापार एवं उद्योग जगत से इस पेशकश का फायदा उठाने को कहा और यह भी स्पष्ट किया कि कर चोरी करने वाले बचेंगे नहीं.
चिदंबरम ने कहा, ‘‘उल्टी गिनती शुरु हो गयी है और अंतिम तारीख 31 दिसंबर है. सरकार ने निष्पक्ष और उदार पेशकश की है. यह पेशकश कम-से-कम दो दशक तक आपको देखने को नहीं मिलेगी. इसीलिए यह सबके हित में है कि वे इस पेशकश का लाभ उठाये.’’ वीसीईएस पर यहां एक बैठक में उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार वीडीआईएस नाम से 1997 में छूट योजना की घोषणा की गयी थी. अब 16 साल बाद इसी प्रकार की योजना सेवा कर के मामले में पेश की गयी है.’’ बैठक में व्यापार और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
चिदंबरम ने कहा, ‘‘अगर हर किसी को यह लगता है कि योजना अगले साल भी आएगी तो वे गलती कर रहे हैं. इस प्रकार की योजना हर साल घोषित नहीं की जा सकती. इस प्रकार का कदम उठाने के लिये अच्छे कारण होने चाहिए.’’ योजना की घोषणा के कारणों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘17 लाख सेवाकरदाताओं ने स्वेच्छा से सेवा कर सदस्य के रुप में पंजीकरण करावाया. लेकिन वास्तव में केवल सात लाख करदाताओं ने ही सेवा कर का भुगतान किये, शेष 10 लाख ने सेवा कर का भुगतान नहीं किया.’’
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 17-18 साल में बहुत कुछ बदला है और आज सरकार के पास प्रौद्योगिकी है जिसके जरिये करदाताओं के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम कर चोरी करने वालों की पहचान कर सकते हैं और हम देखना चाहते हैं कि वह क्या कर रहा है तो हमारे पास सूचना और प्रौद्योगिकी है.’’
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