नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित कर चोरी के एक मामले में मोबाइल हैंडसेट बनाने वाली नोकिया को भारत में चल अचल संपत्तियों के स्वामित्व अधिकार बेचने या स्थानांतरित करने से रोक दिया है.न्यायाधीश संजीव खन्ना तथा न्यायाधीश संजीव सचदेवा ने आयकर विभाग के खिलाफ नोकिया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिका की सुनवाई करते हुए कंपनी से कहा है कि वह कोई भी धन विदेश भेजने से दो दिन पहले आकलन अधिकारी को सूचित करे.
आयकर विभाग ने हाल ही में कंपनी के सभी 15 बैंक खातों को रोकने (रफीज) करने का आदेश दिया था. पीठ ने कंपनी से कहा है कि वह उसकी अनुमति के बिना लाभांश भी विदेश स्थानांतरित नहीं करे.
मामले पर अगली सुनवाई 12 नवंबर को होनी है. हालांकि अदालत ने कंपनी को ऋण निर्मित प्राप्य, ऋण तथा अग्रिम हासिल करने की छूट दी हैं लेकिन यह राशि उसके आदेश में उल्लिखित बैंक खातों में ही जमा कराई जाएगी. यह मामला आयकर विभाग द्वारा कंपनी को 2080 करोड़ रुपये का कर डिमांड नोटिस जारी किए जाने से जुड़ा है.
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