नयी दिल्ली: मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलों की समिति ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के उपभोक्ताओं को सीधे नकद सब्सिडी हस्तांतरण योजना प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी.
केंद्र सरकार की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की इस महत्वकांक्षी योजना के अंतर्गत 15 मई तक 20 जिलों को शामिल किया जाएगा. प्रस्ताव के अनुसार घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं को सरकार की ओर से सब्सिडी के रुप में करीब 4,000 रपये सालाना नकद दिये जाएंगे. यह राशि सीधे ग्राहकों के बैंक खाते में डाली जायेगी. इसके बाद उपभोक्ता को गैस एजेंसी से 901.50 रुपये प्रति 14.2 किग्रा पर गैस सिलेंडर खरीदना होगा. वर्तमान में सब्सिडी युक्त गैस सिलेंडर 410.50 रपये पर उपलब्ध कराया जाता है. सस्ती दर पर दिये जाने वाले ऐसे सिलेंडर पर सरकार 435 रुपये की सब्सिडी देती है.
सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की इस योजना के अमल में आने गैस कनेक्शन का दुरपयोग समाप्त करने में मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में पांच अप्रैल को हुई बैठक में एलपीजी सिलेंडर के मामले में चरणबद्ध ढंग से नकद सब्सिडी अंतरण योजना को अमली जामा पहनाने का निर्णय लिया गया था.
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार “इस मामले में चरणबद्ध तरीके से नकदी अंतरण योजना की शुरआत एक जिले से होकर 15 मई 2013 तक 20 जिलों तक पहुंच जायेगी. आधार पंजीकरण बढ़ने के साथ ही योजना का भी विस्तार होगा.” देश में इस समय 14 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता हैं. सरकार ने प्रत्येक उपभोक्ता के लिये सस्ते गैस सिलेंडर की संख्या पहले ही एक साल में 9 सिलेंडर तक सीमित कर दी. इससे अधिक आवश्यकता होने पर उपभोक्ता को बाजार मूल्य पर सिलेंडर की आपूर्ति की जायेगी.
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