नयी दिल्ली : स्थिति में कुछ सुधार का संकेत देते हुए मार्च,13 में औद्यौगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित औद्योगिक वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत रही. खास कर पूंजीगत वस्तु उद्योग समित विनिर्माण एवं बिजली क्षेत्र के अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन से औद्योगिक क्षेत्र की स्थिति में सुधार होता दिख रहा है.
औद्योगिक उत्पादन पिछले साल मार्च में 2.8 प्रतिशत घटा था. आज यहां जारी आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक 2012-13 में औद्योगिक उत्पादन एक साल पहले की तुलना में सिर्फ एक प्रतिशत ऊंचा रहा. इससे पिछले पिछले वित्त वर्ष के दौरान औद्योगिक वृद्धि 2.9 प्रतिशत थी.
इस बीच इस वर्ष फरवरी के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े को आंशिक तौर पर संशोधित कर संशोधित वृद्धि दर 0.46 प्रतिशत कर दिया गया जो पिछले महीने जारी आंकड़े में फरवरी की औद्योगिक वृद्धि 0.6 प्रतिशत बतायी गयी थी.
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में तीन चौथाई योगदान करने वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर इस बार मार्च में 3.2 प्रतिशत रही जबकि 2012 के इसी महीने में इस क्षेत्र के उत्पादन में 3.6 प्रतिशत की गिरावट हुई थी.
हालांकि 2012-13 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 1.2 प्रतिशत रही जो 2011-12 के दौरान तीन प्रतिशत थी.बिजली उत्पादन इस साल मार्च में 3.5 प्रतिशत बढ़ा जबकि पिछले साल के इसी महीने में यह 2.7 प्रतिशत बढा था. वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान बिजली उत्पादन चार प्रतिशत बढ़ा जबकि 2011-12 में 8.2 प्रतिशत बढ़ा था.
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