नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि भारतीय बैंकों के पास सुरक्षित कारोबार के मानकों की तुलना में अधिक पूंजी है और वे वसूल न हो रहे ऋणों के संबंध में पूंजी का पर्याप्त प्रावधान करने में सक्षम है.
सिंह ने कहा, ‘‘सवाल यह पूछा जाना चाहिए कि यह नकदी की समस्या है या दिवालियेपन की. मेरा मानना है कि यह नकदी प्रवाह की समस्या है.’’ उन्होंने कहा कि कई ऐसी परियोजनाएं हैं जो अव्यावहारिक नहीं हैं, सिर्फ उनमें देरी हुई है. ये परियोजनाएं शुरु होने के बाद राजस्व मिलेगा और हम कर्म का भुगतान कर सकेंगे. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की गैर निष्पादित आस्तियां बढ़ी हैं. जून तिमाही के अंत तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकल गैर निष्पादित आस्तियां बढ़कर 1.76 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गईं, जो 31 मार्च, 2013 को समाप्त तिमाही में 1.55 लाख करोड़ रुपये थी.
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