नयी दिल्ली : कारपोरेट जगत में गडबडियों पर अंकुश लगाने के इरादे से सरकार ने लेखापरीक्षकों (ऑडिटर) के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे कंपनी की तरफ से हुई किसी भी खामी के बारे में जानकारी देंगे. इनमें धोखाधडी, भंडार या संपत्ति प्रबंधन, बकाया तथा सांविधिक नियमनों के अनुपालन में कमी से संबंधित मामले हो सकते हैं.
सरकार और नियामकों द्वारा कंपनियों के कामकाज के संचालन मानदंडों में मजबूती लाने के प्रयासों के बीच यह कदम उठाया गया है. इसका मकसद वित्तीय व लेखा धोखाधडी पर अंकुश पाना है. आडिटरों के लिए विस्तृत निर्देश जारी करते हुए कारपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि उन्हें कंपनी के कामकाज व प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं की जानकारी अपनी आडिट रिपोर्ट में देनी होगी.
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