नयी दिल्ली : कोयला ब्लाकों पर अंतर मंत्रालयी समूह ने कोयला मंत्रालय को उन छह कोयला खदा नों के बारे में विधि मंत्रालय की राय लेने की सलाह दी है, जिनका नाम सीबीआई की एफआईआर में आया है. ये ब्लाक आर्सेलरमित्तल, स्टरलाइट एनर्जी, लैंको, रिलायंस एनर्जी जैसी कंपनियों को आवंटित किये गये हैं.
एक आधिकारिक दस्तावेज में कहा गया है कि छह ब्लाकों के मामले में जहां आवंटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, आईएमजी ने उसे कोयला मंत्रालय के पास वापस भेज दिया है. मंत्रालय को इस मामले में विधि मंत्रालय के साथ विचार विमर्श में विचार लेने को कहा गया है.
इन ब्लाकों में रांपिया एंड डिप साइड राम्पिया ब्लॉक शामिल है. इसका आवंटन संयुक्त रूप से स्टरलाइट एनर्जी, जीएमआर एनर्जी, आर्सेलरमित्तल, लैंको ग्रुप, नवभारत पावर और रिलायंस एनर्जी को किया गया है. इसके अलावा इस में कमल स्पान्ज स्टील एंड पावर तथा रेवती सीमेंट को आवंटित थेसगोरा-बी-रद्रपुरी खान तथा एएमआर आयरन एंड स्टील्स, सेंचुरी टेक्सटाइल्स एंड इंडस्टरीज तथा जेके सीमेंट को आवंटित बंदर ब्लाक का नाम इस में शामिल है.केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 1993 से 2011 के दौरान आवंटित 192 कोयला ब्ला कों के आवंटन में अनियमिततता की जांच कर रहा है.
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