नयी दिल्ली: न्यायमूर्ति एम.बी. शाह आयोग की रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि झारखंड और गोवा जैसे खनिज संपदा वाले राज्यों से हो रहे अवैध खनन और निर्यात के कारण करोड़ो रुपये का नुकसान हो रहा है. शाह ने अपनी रिपोर्ट में झारखंड में 22,000 करोड रुपये का अवैध खनन, गोवा से 2,747 करोड रुपये का अवैध अयस्क निर्यात और ओडिशा में कंपनियों द्वारा खुल्लम खुल्ला अतिक्रिमण का खुलासा किया है.
आयोग की आज संसद में पेश रिपोर्ट में नियमों का घोर दुरपयोग किये जाने का आरोप लगाते हुये कंपनियों को दिये गये खनन पट्टे निरस्त करने, नुकसान हुये राजस्व की वसूली और खनन कंपनियों के साथ साठगांठ करने वाले अधिकारियों को दंडित करने का सुझाव दिया गया है.न्यायमूर्ति एम.बी. शाह आयोग का गठन देश में लौह अयस्क और मैगनीज अयस्क के अवैध खनन और निर्यात की जांच के लिये किया गया था। कई जानी मानी कंपनियों टाटा स्टील, सेल और एस्सल माइनिंग के अलावा उषा मार्टिन और रंगटा माइन्स जैसी छोटी और मध्यम दर्जे की कंपनियों का नाम नियमों का उल्लंघन और गलत कार्यों में सामने आया है.
आयोग ने कहा है कि अकेले झारखंड में ही सार्वजनिक क्षेत्र की सेल, निजी क्षेत्र की टाटा स्टील तथा अन्य कंपनियों ने 22,000 करोड रुपये के लौह अयस्क और 138 करोड रुपये के मैग्नीज अयस्क का कानून अधिकार के बिना ही अवैध खनन किया.आयोग ने अपनी पहली रिपोर्ट में कहा था कि 18 कंपनियों के पट्टे डीम्ड विस्तार के तहत चल रहे थे जिनमें पर्यावरण मंजूरी नहीं मिली थी जबकि 22 खानों में नियमों का उल्लंघन करते हुये खनन कार्य किया जा रहा था.
आयोग ने कहा है कि भारतीय खान ब्यूरो और राज्य सरकार के आंकडों में लौह अयस्क उत्पादन में 5.34 करोड टन उत्पादन का अंतर है.ओडिशा पर आयोग की दूसरी रिपोर्ट में कहा गया कि टाटा स्टील और आदित्य बिडला समूह की एस्सल माइनिंग एण्ड इंडस्टरीज उन्हें पट्टे पर दिये गये क्षेत्र से आगे बढकर खनन कार्य कर रही थी.
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