नयी दिल्ली : निजी क्षेत्र की कंपनी एक्मे इंडिया ने रेलगाड़ियों को तेज गति से चलाने और उनकी कार्यकुशलता बढ़ाने में सहायक हल्के और आधुनिक रेल डिब्बे बनाने की तकनीक विकसित करने का दावा किया है. एक्मे इंडिया के निदेशक सूरज पांडेय ने एक बातचीत में कहा कि हमने रेल गाड़ियों में उपयोग के लिए ऐसा ‘वॉल पैनल’ बनाया है, जिससे डिब्बों का वजन करीब 600 किलो तक कम हो जायेगा. डिब्बा हल्का होने से रेलवे लक्ष्य के अनुसार रेल गाड़ियों को 160 से 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चला सकेगी. साथ ही, कम ईंधन खपत के साथ कार्यकुशलता भी बढ़ेगी.
कंपनी ने रेल गाड़ियों को आग की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए आग प्रतिरोधक तकनीक के साथ बेहतर साफ-सफाई के लिए ‘मॉड्यूलर’ शौचालय भी बनाया है. ये शौचालय पानी रुकने और गंदगी की समस्या से निजात दिलायेंगे. पांडेय के अनुसार, एक रेल डिब्बे का वजन करीब 4 टन (4000 किलो) होता है और कंपनी के ‘वाल पैनल’ के उपयोग से इसमें 600 किलो तक की कमी आ सकती है. कंपनी डिब्बों के फ्लोर और छतों को भी हल्का बनाकर वजन में 2,000 किलो तक की कमी लाने का लक्ष्य लेकर चल रही है.
एक्मे इंडिया के हरियाणा के सोनीपत में तीन कारखाने हैं. कंपनी ने हाल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय रेल उपकरण प्रदर्शनी (22-24 अक्टूबर) में अपनी नयी तकनीक से तैयार उत्पादों को पेश किया. उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी में एक्मे इंडिया समेत देश-विदेश की 500 से अधिक कंपनियां शामिल हुईं. अन्य उत्पादों के बारे में पांडेय ने बताया कि हमने रेल गाड़ियों के लिए ‘मॉड्यूलर’ शौचालय भी बनाया है, जो पानी रुकने और गंदगी की समस्या से निजात दिलायेगा.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, हमने रेलवे में आग से लगने की समस्या से छुटकारे के लिए ‘फायर रेजिसटेंस कोटिंग’ बनायी है, जो 1700 डिग्री तापमान में भी किसी प्रकार का नुकसान नहीं होने देगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी के दौरान रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी ने हमारे उत्पादों की सराहना की और अधिकारियों से इन तकनीकों को रेलवे में उपयोग करने को कहा.
उन्होंने कहा एक्मे इंडिया द्वारा निर्मित मॉड्यूलर टॉयलेट की लागत करीब 4.5 लाख रुपये है, जबकि अभी उपयोग में लाये जा रहे शौचालय की लागत 6 लाख रुपये बैठती है. रेलवे के 500 से 1,000 डिब्बों में यूरोपीय मानकों वाले इन मॉड्यूलर शौचालय का उपयोग हो रहा है. तकनीक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमारे पास तकनीक है, लेकिन हम यूरोपीय और अमेरिकी कंपनियों के साथ भी गठजोड़ कर रहे हैं. निवेश के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कंपनी की चालू वित्त वर्ष में 50 से 100 करोड़ रुपये तक निवेश करने की योजना है.
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