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BoB में विजया बैंक और देना बैंक के विलय का रास्ता साफ, नहीं होगी कर्मचारियों की छंटनी

नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के देना बैंक और विजया बैंक का एक दूसरे सरकारी बैंकिंग प्रतिष्ठान बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) में विलय का रास्ता लगभग साफ हो गया है. इसका कारण यह है कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्रों के दोनों बैंकों का एक तीसरे बैंक में विलय के प्रस्ताव पर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल […]

नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के देना बैंक और विजया बैंक का एक दूसरे सरकारी बैंकिंग प्रतिष्ठान बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) में विलय का रास्ता लगभग साफ हो गया है. इसका कारण यह है कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्रों के दोनों बैंकों का एक तीसरे बैंक में विलय के प्रस्ताव पर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी मुहर लगा दी है. इन दोनों बैंकों का एक तीसरे बैंक में विलय के पीछे सरकार का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर भारतीय बैंकों को मजबूत और सक्षम बनाना है.

इसे भी पढ़ें : वित्त मंत्रालय ने बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय को दी सैद्धांतिक मंजूरी

सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार ने इन दोनों बैंकों का एक तीसरे बैंक में विलय का रास्ता साफ करने के साथ ही इस बात का ऐलान भी किया है कि विलय के बाद इन दोनों बैंकों में काम करने वाले कर्मचारियों की छंटनी नहीं की जायेगी. पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के देना बैंक और विजया बैंक का बीओबी में विलय के प्रस्ताव पर मंजूरी दी गयी है.

इस बात की जानकारी देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि इस विलय से इन बैंकों के कर्मचारियों की सेवा शर्तों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और विलय के बाद कोई छटनी भी नहीं होगी. केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी ऋणदाता बनाने के लिए विलय की यह योजना तैयार की गयी है. इससे पहले बुधवार को बैंक ऑफ बड़ौदा ने विजया बैंक और देना बैंक को खुद में मिलाने के लिए इन बैंकों के साथ अपने शेयरों की अदला-बदली की दरों को अंतिम रूप दिया.

विलय की योजना के मुताबिक, विजया बैंक के शेयरधारकों को इस बैंक के प्रत्येक 1,000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 इक्विटी शेयर मिलेंगे. वहीं, देना बैंक के मामले में उसके शेयरधारकों को प्रत्येक 1,000 शेयर के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर मिलेंगे. सरकार ने पिछले साल सितंबर में विजय बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ विलय की घोषणा की थी. विलय के फलस्वरूप बैंक ऑफ बड़ौदा सरकारी क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा.

इससे पहले पिछले साल के 21 दिसंबर को ही वित्त मंत्रालय की वैकल्पिक व्यवस्था ने इन दोनों बैंकों की बीओबी में विलय की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी. बीओबी के अनुसार, वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग ने 20 दिसंबर, 2018 को कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था ने बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक तथा देना बैंक के प्रस्तावित विलय को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.

गौरतलब है कि पिछले साल के 24 दिसंबर को विजया बैंक और देना बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में प्रस्तावित विलय के खिलाफ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों की यूनियन ने हड़ताल की थी. इस मसले को लेकर एक सप्ताह से भी कम समय में ये दूसरी बैंक हड़ताल थी. बैंक अधिकारियों की यूनियन ने प्रस्तावित विलय और वेतन संशोधन पर बातचीत का जल्दी हल नहीं निकालने पर 21 दिसंबर को हड़ताल की थी.

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