मुंबई : महाराष्ट्र के प्याज उपजानेवाले एक किसान को अपनी उपज एक रुपये प्रति किलोग्राम से कुछ अधिक की दर पर बेचनी पड़ी और उसने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अपनी कमाई प्रधानमंत्री को भेज दी.
नासिक जिले के निफाड तहसील के निवासी संजय साठे उन कुछ चुनिंदा प्रगतिशील किसानों में से एक है जिन्हें केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा से 2010 में उनकी भारत यात्रा के दौरान संवाद के लिए चुना था. साठे ने रविवार को कहा, मैंने इस मौसम में 750 किलोग्राम प्याज उपजायी, लेकिन गत सप्ताह निफाड थोक बाजार में एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर की पेशकश की गयी. उन्होंने कहा, अंतत: मैं 1.40 रुपये प्रति किलोग्राम का सौदा तय कर पाया और मुझे 750 किलोग्राम के लिए 1064 रुपये प्राप्त हुए. उन्होंने कहा, चार महीने के परिश्रम की मामूली वापसी प्राप्त होना दुखद है. इसलिए मैंने 1064 रुपये पीएमओ के आपदा राहत कोष में दान कर दिये. मुझे वह राशि मनीआर्डर से भेजने के लिए 54 रुपये अलग से देने पड़े.
उन्होंने कहा, मैं किसी राजनीतिक पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं करता. लेकिन, मैं अपनी दिक्कतों के प्रति सरकार की उदासीनता के कारण नाराज हूं. मनीआर्डर 29 नवंबर को भारतीय डाक के निफाड कार्यालय से भेजा गया. वह ‘नरेंद्र मोदी, भारत के प्रधानमंत्री’ के नाम प्रेषित किया गया. पूरे भारत में जितनी प्याज होती है उसमें से 50 प्रतिशत उत्तर महाराष्ट्र के नासिक जिले से आती है. ओबामा से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मैं लंबे समय से (टेलीकाॅम आपरेटर द्वारा संचालित) किसानों के लिए आवाज आधारित परामर्श सेवा का इस्तेमाल कर रहा था. मैं उन्हें फोन करता था और मौसम के बदलाव के बारे में सूचना लेता था और इस तरह से मैं अपनी उपज बढ़ाने में सफल रहाझ.
साठे ने कहा, मुझे आकाशवाणी के स्थानीय रेडियो स्टेशनों पर कृषि के बारे में अपने प्रयोगों के बारे में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया. इसलिए कृषि मंत्रालय ने मेरा चयन मुंबई सेंट जेवियर्स काॅलेज में स्थापित एक स्टाॅल के लिए किया जब ओबामा भारत आये थेझ. मैंने उनसे दुभाषिये की मदद से कुछ मिनट बात की.
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