नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को इस बात का संकेत दिया है कि देश में अर्थव्यवस्था के विस्तार के साथ ही विनियामक एजेंसियों की भूमिका में भी विस्तार होगा. उन्होंने कहा कि कई बार बाजार में प्रतिस्पर्धा बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर किसी क्षेत्र में इकाइयों के लिए कठिनाई बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि वृद्धि की राह पर बढ़ रही किसी भी अर्थव्यवस्था के सामने इस तरह की चुनौतियां आती रहती हैं.
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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में जेटली ने कहा कि अत्यधिक प्रतिस्पर्धा से कई बार कीमतों की स्थिति ऐसी हो जाती है, जिससे खुद अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्र कठिनाई महसूस करते हैं. इसका कारण यह है कि हर कोई उस क्षेत्र की सबसे अग्रणी इकाई की राह पर चल रहा होता है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए, यह चुनौती बन जाती है. जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था का विस्तार होगा, नयी चुनौतियां उभरेंगी ही.
जेटली ने कहा कि मौजूदा वृद्धि दर बनी रही, तो भारतीय अर्थव्यवस्था का कई गुना विस्तार होगा. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में आकार बढ़ेगा, उद्योग क्षेत्र का आकार बढ़ेगा, सेवा क्षेत्र का आकार बढ़ेगा. इस स्थिति में आत्म संयम बरतते हुए विनियामकों की भूमिका का भी विस्तार होगा. जेटली ने कहा कि प्रतिस्पर्धा कानून के उद्देश्यों में उपभोक्ताओं के हित की रक्षा करना एक महत्वपूर्ण स्तंभ है.
उन्होंने कहा कि सरकार हर क्षेत्र में अच्छी कंपनियां चाहती है. वह चाहती है कि इनकी संख्या समुचित स्तर की हो, ताकि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो सके. उन्होंने कहा कि बाजार आधारित अर्थव्यवस्था में बाजार में असामान्य परिस्थितियों को दूर करने के लिए ही विनियामक व्यवस्था की जाती है. इसीलिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग का गठन किया गया है.
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