नयी दिल्ली : केंद्रीय कानून एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आधार न होने की वजह से किसी को भी जरूरी लाभ से वंचित नहीं रहना पड़े. प्रसाद ने राज्य के आईटी मंत्रियों और सचिवों से कहा कि आधार एक बड़ा मंच है, जो सुशासन और बचत की ओर ले जाता है, लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि आधार के लिए कानून है. इस कानून में कहा गया है कि आधार कार्ड न होने की वजह से किसी को लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता.
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उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड नहीं है, तो आधार कार्ड लाने के लिए कहना चाहिए और वैकल्पिक साधन का उपयोग करके उन्हें लाभ प्रदान किया जाना चाहिए. प्रसाद ने यहां राज्यों के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि कई बार राशन की दुकानों पर राशन नहीं दिया जाता है. ऐसा नहीं होना चाहिए. आपको इसके बारे में सोचना चाहिए. कोई भी गरीब को राशन देने से मना नहीं कर सकता है.
केंद्रीय मंत्री की ओर से यह बयान गुड़गांव अस्पताल की घटना के एक हफ्ते बाद आया. अस्पताल ने एक गर्भवती महिला को सिर्फ इस वजह से भर्ती करने से मना कर दिया था, क्योंकि वह आधार कार्ड साथ में नहीं लायी थी. इसके बाद महिला ने अस्पताल के बाहर ही बच्चे को जन्म दे दिया था. प्रसाद ने कहा कि कई बार बुजुर्गों की उंगलियों की छाप मेल नहीं खाती है.
उन्होंने विभाग को निर्देश दिया है कि इस स्थिति में उनका आधार नंबर एक रजिस्टर में लिख लिया जाये और लाभ प्रदान किया जाये. जिस लाभ के वे हकदार है, उसे देने से उन्हें मना नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हम अगले पांच साल में देश में एक हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इससे 50 से 75 लाख लोगों के लिये रोजगार सृजित होंगे.
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