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Friday, March 29, 2024

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भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट, सेंसेक्स 561 अंक गिर कर बंद, बांड यील्ड बना वजह

अमेरिका में बढ़ी बांड यील्ड(बांड के जरिये मिलने वाला प्रतिफल)के कारण दुनिया भर के बाजार सहमे हुए हैं. अब भारत में भी दस साल के लिए बांड यील्ड बढ़ गयी है. शेयरों में कम लाभ होने की आशंका के मद्देनजर बांड यील्ड की मांग बढ़ जाती है. इससे बैंकों पर दबाव पड़ेगा. ब्याज दर बढ़ने […]

अमेरिका में बढ़ी बांड यील्ड(बांड के जरिये मिलने वाला प्रतिफल)के कारण दुनिया भर के बाजार सहमे हुए हैं. अब भारत में भी दस साल के लिए बांड यील्ड बढ़ गयी है. शेयरों में कम लाभ होने की आशंका के मद्देनजर बांड यील्ड की मांग बढ़ जाती है. इससे बैंकों पर दबाव पड़ेगा. ब्याज दर बढ़ने की स्थिति में कॉरपोरेट खर्च बढ़ जाता है और उपभोग वाली चीजों की मांग भी कम हो जाती है. मौजूदा हालात में बाजार में लिक्विडिटी कम होने का खतरा भी बढ़ गया है. इससे फिक्स इनकम में निवेश बढ़ जाता है.

मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा का मानना है कि बाजार का सेंटीमेंट अभी खराब दिख रहा है. ऐसे निवेशकों को पैसा लगाने में सावधानी बरतनी होगी. उन्होंने कहा है कि बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है. उन्होंने यह भी सलाह दी है कि गिरावट से घबराना नहीं चाहिए और बाजार में भविष्य में तेजी लौटेगी.


मार्गेन स्टेनली के इंडियन रिसर्च हेड एवं एमडी रिद्धम देसाई ने कहा है कि अगले तीन-चार महीने तक बाजार पर वैश्विक कारकों का असर रहेगा और भारत के बजट का इस पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.


सेंसेक्स 561 अंक गिर कर व निफ्टी 164 अंक गिर कर बंद हुआ.

दुनिया भर के शेयर बाजार में तेज हलचल है. पिछले कई दिनों से गिरावट का सिलसिला जारी है. बीते सप्ताह गुरुवार को जब आम बजट पेश होने के बाद शुक्रवार को सेंसेक्स में साढ़े आठ सौ अंक की गिरावट आयी तो आरंभ में इसे बजट इंपेक्ट माना गया, जिसमें शेयरों से लांग टर्म इन्वेस्टमेंट से होने वाली आय पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाने का एलान किया गया. हालांकि मूल वजह कुछ और थी. गिरावट का प्रमुख कारण अमेरिका कर्ज की लागत बढ़ने को लेकर उत्पन्न घबराहट है.हालांकिअमेरिकीइकोनॉमी का फंडामेंटल मजबूत है. भारतीय अर्थव्यवस्थासहित दुनिया के दूसरेप्रमुख देशों की इकोनॉमीभीपटरीपर है. इस कारण यह माना जा रहा है किबाजार कुछ दिनों में इस झटके से उबर जायेगा. हालांकि इस बीच संस्थागत निवेशकों के साथ छोटे-मंझोले निवेशकों में भी भय व आशंका का माहौल है. भारतीय बाजार ने आज निचले स्तर से रिकवरी भी की है. इस बीच आज से रिजर्व बैंक की दो दिवसीय मौद्रिक समीक्षा भी शुरू हुई है, जिसमें पर निवेशकों की नजर है.

वॉल स्ट्रीट में जोरदार गिरावट, एशियाई बाजार भी प्रभावित

न्यूयॉर्क: उथलपुथल वाले कारोबार में अमेरिकी शेयर बाजारों में आज जोरदार गिरावटआयी और एशियाई बाजार भी अछूते नहीं रहे. यहां के प्रमुख शेयर सूचकांक डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज में एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट रही और अमेरिका की 30 बड़ी कंपनियों के बाजार मूल्यांकन में 4.6 प्रतिशत की कमीआयी. डाउ जोंस टूटकर 24,345.75 अंक पर आ गया. अगस्त 2011 के बाद अमेरिकी बाजार में यह सबसे बड़ी गिरावट है. वर्ष 2018 में हुए लाभ को डाउ ने एक दिन में गंवा दिया. एक समय डाउ 1,600 अंक टूटकर 23,923.88 अंक पर आ गया था. बाजार में जोरदार बिकवाली के बीच व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी अर्थव्यवस्था की दीर्घावधि की सेहत पर ध्यान दे रहे हैं और अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है. वॉल स्ट्रीट में जोरदार गिरावट का असर एशियाई बाजारों में भी दिखा. निवेशकों में अमेरिका में कर्ज की लागत बढ़ने को लेकर घबराहट है. तोक्यो की अगुवाई में एशियाई बाजारों में गिरावट आयी. शुरुआती कारोबार में जापान का बाजार पांच प्रतिशत से अधिक टूट गया. हांगकांग में करीब चार प्रतिशत की गिरावट आयी, वहीं सिडनी तीन प्रतिशत टूटा. भारत में बाजार में उथल पुथल बनी हुई है.


निचले स्तर से बाजार दोपहर तक संभले. दोपहर 2.40 बजे तक सेंसेक्स की गिरावट 416 अंक तक व निफ्टी में 121 अंक तक सीमित हो गयी. इस समय सेंसेक्स 34340 अंक व निफ्टी 10544 अंक पर कारोबार कर रहा था.

दोपहर एक बजे तक भारतीय शेयर बाजार निचले स्तर से थोड़ा सुधरे. इस वक्त सेंसेक्स 898 व निफ्टी 267 अंक की गिरावट पर कारोबार कर रहा था.

मुंबई : दुनिया भर के बाजारों में जारी भारी बिकवाली का दबाव घरेलू शेयर बाजारों पर भी देखने को मिला. बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में आज करीब 1,275 अंक यानी 3.6 प्रतिशत गिरकर 34,000 अंक के नीचे चला गया. बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक आज शुरुआती कारोबार में 1,274.35 अंक यानी 3.66 प्रतिशत गिरकर 33,482.81 अंक पर आ गया. रीयल्टी, टिकाऊ उपभोग, धातु और बैंकिंग सहित अन्य अलग-अलग क्षेत्रों के सूचकांकों में गिरावट रही.

पांच कारोबारी सत्र में 1,526 अंक गिरा बाजार

पिछले पांच कारोबारी सत्र में सेंसेक्स में 1,526 अंक गिरावट देखी गयी. जनवरी में इसमें 2,200 अंक से अधिक की तेजी रही थी. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी शुरुआती दौर में 390.25 अंक यानी 3.65 प्रतिशत गिरकर 10,276.30 अंक पर रहा. निफ्टी 10,300 के नीचे आ गया. ब्रोकरों ने कहा कि अमेरिका के वॉल स्ट्रीट में रिकॉर्ड गिरावट के बाद एशियाई बाजारों में भी इसी तरह का रुख देखने को मिला. एशियाई बाजारों में टोक्यो 5 प्रतिशत से अधिक, हांग कांग 4 प्रतिशत और सिडनी 3 प्रतिशत, सिंगापुर 2.3 प्रतिशत, सियोल 3 प्रतिशत, ताईपाई 3.7 प्रतिशत और शंघाई 2.1 प्रतिशत गिरे.

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मौद्रिक समीक्षा नीति का भी असर

ब्रोकरों ने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा नीति को लेकर सतर्क रहने और डॉलर के मुकाबले शुरुआती कारोबार में रुपये के 29 पैसे कमजोर होने से भी घरेलू शेयर बाजार में गिरावट के रुख को बल मिला. सेंसेक्स और निफ्टी पर मजबूत बिकवाली का दबाव देखा गया. अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कल के कारोबारी दिन में 1,263.57 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. टाटा मोटर्स, यस बैंक, एक्सिस बैंक, एसबीआई, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील, अडाणी पोर्ट्स, आइसीआइसीआइ बैंक, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, मारुति सुजुकी, एलएंडटी और हीरो मोटोकॉर्प के शेयरों में भारी गिरावट रही. इनमें 7.55 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी.


सेकेंडों मेें पांच लाख करोड़ स्वाहा

मुंबई : वैश्विक बजारों में भारी गिरावट के बीच आज भारतीय शेयर बाजार में भी जोरदार गिरावट दर्ज की गयी. सेंसेक्स ने आज जहां लगभग 1200 अंक की गिरावट के साथ शुरुआत की, वहीं निफ्टी 386 अंक की गिरावट के साथ खुला. बाद में सेंसेक्स की गिरावट 1250 अंक तक पहुंच गयी. आज सुबह जापान, ताइवान सहित ज्यादातर बाजारों ने कमजोर शुरुआत की थी. मिडकैप इंडेक्स आज प्री ओपनिंग सेसन में ही 942 अंक कमजोरी पर था. एक मोटे अनुमान के अनुसार, आज बाजार खुलने के साथ ही निवेशकों के लगभग पांच लाख करोड़ रुपये डूब गये. आज बाजार खुलने के बाद कुछ सेकेंड में ही भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के पांच लाख करोड़ रुपये डूब गये. वित्तमंत्री अरुण जेटली व उनका मंत्रालय बाजार में गिरावट को लेकर सचेत हैं.

भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को भी लगभग पांच लाख करोड़ रुपये डूबे थे. पिछले छह कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी गयी है और निवेशकों के इन छह सत्रों में 12.50 लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं.

बाजार में इस गिरावट का कारण अमेरिका सहित दुनिया में महंगाई बढ़ने का खतरा बढ़ गया है. अमेरिका के डॉव जोन में सोमवार को बड़ी गिरावट आयी थी. इंट्रा डे में ऐतिहासिक रूप से डॉव जोन में एक दिन में 1600 अंक की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली थी.

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वित्त सचिव ने दी सफाई-एलटीसीजी कर से नहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में आयी गिरावट से टूटा शेयर बाजार

सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में आज बड़ी गिरावट दिखी. वहां का निफ्टी फ्यूचर 3.45 प्रतिशत नीचे जाकर या 368 अंक कमजोर होकर 10327 अंक पर कारोबार कर रहा था.

भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट के मद्देनजर वित्त मंत्रालय सतर्क हो गया है. इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने बयाद दिया है कि सिर्फ शेयर से होने वाली आय पर लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाने से बाजार में गिरावट नहीं आ रही है, इसके वैश्विक कारण भी हैं. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यह गिरावट जल्द थमने की उम्मीद है. कल वित्त सचिव हसमुख अधिया ने भी कहा था किबाजारमें यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय कारणों से आ रही है.

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