नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम के साथ आईएनएक्स मीडिया सौदा मामले में जांच की जद में शामिल मोहनन राजेश को 27 जनवरी से पांच फरवरी तक विदेश जाने की अनुमति दे दी. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने मोहनन राजेश को अपने बेटे से मिलने के लिए स्कॉटलैंड जाने की अनुमति दे दी और उन्हें तीन दिन के भीतर अपनी यात्रा का विवरण देने के साथ ही पांच फरवरी तक वापस आने का लिखित आश्वासन देने का निर्देश दिया.
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पीठ ने कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि यदि आश्वासन देने पर अमल नहीं किया गया, तो आवेदक को जो भी उचित होगा, वह परिणाम भुगतना होगा. पीठ ने साफ किया है कि यह एक अंतरिम आदेश है और मुख्य मामले में अंतिम सुनवाई के दौरान पेश होने वाली दलीलों को प्रभावित नहीं करेगा. यह लुक आउट सर्कुलर की वैधता के बारे में किसी प्रकार की सोच के रूप में नहीं लिया जायेगा.
शीर्ष अदालत ने कार्ति और अन्य के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी होने से संबंधित मामले को लेकर दायर याचिकाओं और क्या इस मामले को निस्तारण के लिये मद्रास हाईकोर्ट वापस भेजने के बारे में 31 जनवरी को सुनवाई करने का निश्चय किया. शीर्ष अदालत ने पिछले साल 20 नवंबर को कार्ति को एक से 10 दिसंबर तक अपनी बेटी के कैंब्रिज विश्वविद्यालय में प्रवेश के सिलसिले में ब्रिटेन जाने की अनुमति दी थी.
सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया को 2007 में जब कार्ति चिदंबरम के पिता पी चिदंबरम के वित्त मंत्री थे, विदेश से 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के प्रस्ताव को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमित्ताओं के सिलसिले में पिछले साल 125 मई को प्राथमिकी दर्ज की थी.
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