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मोदी की रैली में खर्च ज्यादा,लेकिन कालाधन इस्तेमाल के प्रमाण नहीं : चिदंबरम

नयी दिल्ली: वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि मौजूदा संप्रग सरकार के प्रयासों से अर्थव्यवस्था मजबूत होने जा रही है. उन्होंने कहा कि चालू खाते के घाटे को कम करके 32 अरब डालर पर ला दिया गया है और राजकोषीय घाटा 2013.14 के लिये निर्धारित लक्ष्य के भीतर रहा है. हालांकि, उन्होंने कहा […]

नयी दिल्ली: वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि मौजूदा संप्रग सरकार के प्रयासों से अर्थव्यवस्था मजबूत होने जा रही है. उन्होंने कहा कि चालू खाते के घाटे को कम करके 32 अरब डालर पर ला दिया गया है और राजकोषीय घाटा 2013.14 के लिये निर्धारित लक्ष्य के भीतर रहा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि बीते वित्त वर्ष में कुल कर संग्रह में कमी रही है.

इस मौके पर चिदंबरम ने एक सवाल के जवाब में यह कहा कि मोदी की रैलियों में बेतहाशा खर्च तो हो रहा है, लेकिन सरकार के पास इन रैलियों में कालाधन इस्तेमाल किये जाने के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं.

चिदंबरम ने कहा, ‘‘हम इस बात से पूरी तरह संतुष्ट हैं कि हम अंतरिम बजट में अनुमानित राजकोषीय घाटे के लक्ष्य (जीडीपी के 4.6 प्रतिशत) को हासिल कर लेंगे.’’ वित्त मंत्री ने यहां कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘चालू खाते के घाटे के मोर्चे पर खुशखबरी है. समाप्त वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा केवल 32 अरब डालर रहेगा जो इससे पिछले साल 88 अरब डालर था.’’ उन्होंने कहा कि चालू खाते के घाटे का लक्ष्य न केवल पूरी तरह से हासिल किया गया है, बल्कि 28.5 अरब डालर विदेशी मुद्रा भंडार में जोडा गया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2012.13 में चालू खाते का घाटा जीडीपी का 4.7 प्रतिशत रहा था और 2013.14 में यह केवल 1.7 प्रतिशत रहेगा. ‘‘इसलिए, ये अच्छे संकेत हैं . आगे चलकर अर्थव्यवस्था केवल मजबूत ही होगी.’’ हाल ही में शेयर बाजारों में आई तेजी के बारे पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा, ‘‘ यदि आप हर तेजी का श्रेय इस बात को देते हैं कि ‘मोदी आ रहे हैं’, तो हर गिरावट का श्रेय भी ‘मोदी आ रहे हैं’ को देना होगा.’’

‘‘इसका इस बात से क्या लेनादेना है कि 16 मई को कौन जीतने जा रहा है.’’चिदंबरम ने कहा कि शेयर बाजार में जो घटित हो रहा है, वह इस बात को प्रतिबिंबत करता है कि निवेशक भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिरता और मजबूती को लेकर और ज्यादा आश्वस्त हो रहे हैं.

वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज यहां कहा कि भारत और स्विट्जरलैंड, इस यूरोपीय देश में कालेधन से जुड़े विशिष्ट खातों के बारे में सूचना साझा करने के तौर तरीकों पर विचार विमर्श कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पत्र के संबंध में स्विट्जरलैंड से जवाब मिला है और भारत का जवाब अगले कुछ दिनों में भेजा जायेगा.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में इस संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में चिदंबरम ने कहा, इस मामले पर स्विट्जरलैंड के वित्त मंत्री और मैं एक दूसरे से चर्चा कर रहे हैं कि स्विस सरकार द्वारा भारत सरकार को इन विशिष्ट खातों (कालेधन से जुड़े) के संबंध में सूचना किस तरह से उपलब्ध करायी जा सकती है. स्विट्जरलैंड के वित्त मंत्री एवेलिन विडमर-श्लंफ को स्विस बैंक खातों में रखे कालेधन पर सूचना का खुलासा करने के संबंध में भेजे अपने पत्र पर उन्होंने कहा, हमें जवाब मिला है.

मुझे एक सप्ताह पहले जवाब मिला और हम आगे पत्र पर काम कर रहे हैं. पत्र में लिखे गये ब्यौरे के बारे में उन्होंने कहा, यह लंबा जवाब है और मंत्री ने कुछ मामलों में स्विट्जरलैंड सरकार के पक्ष का बचाव किया है. मंत्री ने एक मामले में समझौतापरक बयान दिया है.

जवाब का गहन अध्ययन किया जा रहा है और हम अगले कुछ दिनों में अगला पत्र भेजेंगे। मार्च में स्विस मंत्री को भेजे अपने दो पन्ने के पत्र में चिदंबरम ने कालेधन संबंधी मामलों पर उसके आग्रह को नहीं मानने पर स्विट्जरलैंड को जी-20 जैसे बहुपक्षीय मंचों पर घसीटने की धमकी दी थी. चिदंबरम ने पत्र में स्विटजरलैंड की वित्त मंत्री को जी-20 समूह द्वारा अप्रैल 2009 में अपनाई गयी उस घोषणा की भी याद दिलायी जिसमें कहा गया है, बैंक गोपनीयता का युग समाप्त हो चुका है.

सख्त लहजे में लिखे गये इस पत्र में उन्होंने यह भी कहा कि यदि असहयोग जारी रहता है तो स्विट्जरलैंड को भारत असहयोगी देश घोषित करने जैसे कदमों पर विचार कर सकता है. चिदंबरम ने कहा था कि स्विट्जरलैंड ने दोनों देशों के बीच दोहरे कराधान से बचाव संधि के नियमों का सम्मान नहीं किया जिसके तहत स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन के बारे में कर अधिकारियों ने सूचना मांगी थी.

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