नयी दिल्ली: यूनिसेफ-सेवा के प्रत्यक्ष नकदी अंतरण संबंधी अध्ययन के निष्कर्षों से उत्साहित योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने आज कहा कि बड़े पैमाने पर इसे लागू करने से धन का कोई दुरुपयोग नहीं होगा.
उन्होंने यूनिसेफ द्वारा आयोजित बिना शर्त नकदी अंतरण पर आयोजित सम्मेलन में कहा ‘‘इससे दो चीजें साबित होती हैं. पहली बात यह है कि नकदी अंतरण संगठित हो सकता है. दूसरे जब आप लाभार्थियों के खाते में धन का अंतरण करते हैं तो यह बेकार नहीं जाता या गलत चीजों में इसका उपयोग नहीं होता.’’
लाभार्थियों को बैंक खाते खोलने में आ रही दिक्कत के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ‘‘आरबीआई ने दिशानिर्देश जारी किया है कि बैंक सामान्य सुविधा वाले जमा खाते खोलें .. आने वाले दिनों में बैंक खाते खोलने और नकदी अंतरण में कोई मुश्किल नहीं होगी.’’ अहलूवालिया के मुताबिक सरकार की प्रत्यक्ष नकदी अंतरण योजना से हालात बदलेंगे और यह देश में वित्तीय समावेश का महत्वपूर्ण जरिया होगा.
सरकार ने महत्वकांक्षी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना की शुरुआत 1 जनवरी 2013 को की है. स्व:रोजगार महिला संघ (सेवा) ने यूनिसेफ के साथ मिलकर बिना शर्त नकदी अंतरण की एक पायलट योजना शुरु की है. सेवा से 17 लाख महिला सदस्य जुड़े हैं. उसने मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में मूल आय अनुदान परीक्षण के तौर पर शुरु किया है.
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