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देश के 66.3 फीसदी लोगों को मोदी सरकार से थी हालात सुधरने की उम्मीद, टूट रहा मनोबलः रिपोर्ट

मुंबर्इः बेराेजगारी आैर महंगार्इ इस समय देश के लोगों की सबसे बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है. रिजर्व बैंक की आेर से कराये गये सर्वेक्षण के अनुसार, देश के करीब 66.3 फीसदी लोगों को हर दिन यह लगता था कि अगले दिन हालात सुधरेंगे, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुर्इ है. केंद्रीय बैंक […]

मुंबर्इः बेराेजगारी आैर महंगार्इ इस समय देश के लोगों की सबसे बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है. रिजर्व बैंक की आेर से कराये गये सर्वेक्षण के अनुसार, देश के करीब 66.3 फीसदी लोगों को हर दिन यह लगता था कि अगले दिन हालात सुधरेंगे, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुर्इ है. केंद्रीय बैंक के सर्वे में कहा गया है कि खरीदारी को लेकर लोगों का मनोबल गिर रहा है.

इसके साथ ही, केंद्रीय बैंक के इस सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निर्माण क्षेत्र के कारोबारी निराश हो रहे हैं, मुद्रा स्फिति बढ़ रही है और विकास दर नीचे फिसल रही है. आरबीआई के सर्वे के नतीजे उसकी चार अक्टूबर को पेश की गयी आर्थिक नीति समीक्षा रिपोर्ट से भी मेल खाते हैं. आरबीआई ने आर्थिक नीति समीक्षा रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2017-18 में अनुमानित विकास दर 7.3 से घटाकर 6.7 कर दी थी.

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आरबीआई के हवाले से अंग्रेजी के अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, पिछले चार तिमाहियों से आम उपभोक्ताओं में आम आर्थिक हालात को लेकर निराशा छायी है. चार अक्टूबर को रिजर्व बैंक की आेर से जारी कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में कहा गया है कि सितंबर 2017 तक आम आर्थिक स्थिति के बारे में 34.6 फीसदी लोगों ने कहा कि स्थिति सुधरी है, जबकि सितंबर, 2016 तक ऐसा मानने वालों की संख्या 44.6 फीसदी थी.

सर्वे के अनुसार, सितंबर 2017 तक 40.7 फीसदी लोगों ने कहा कि आर्थिक स्थिति बिगड़ी है, जबकि सितंबर, 2016 तक 25.3 फीसदी जवाब देने वाले ही ऐसा मानते थे. सर्वे के अनुसार, अगले एक साल में आर्थिक हालात बेहतर होंगे ऐसा मानने वालों की भी संख्या कम हुई है. सर्वे के अनुसार, करीब 50.8 फीसदी लोगों ने कहा कि अगले एक साल में आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, जबकि दिसंबर 66.3 फीसदी लोगों को लगता था कि अगले एक साल में आर्थिक स्थिति बेहतर होगी.

कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे भारत के छह प्रमुख शहरों बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और नयी दिल्ली में कराया जाता है. इसमें करीब 5100 लोगों से आम राय और आर्थिक स्थिति, रोजगार, महंगाई, निजी आमदनी और खर्च से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं. द करेंट सिचुएशन इंडेक्स (सीएसआई) एक सब-इंडेक्स है, जो आरबीआई के कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे का हिस्सा होता है. इससे उपभोक्ताओं के वर्तमान आर्थिक हालात के बारे में राय पता की जाती है. इसी तरह अगले छह महीने के आर्थिक हालात को लेकर उपभोक्ताओं की उम्मीद या आकांक्षा को फ्यूचर एक्सपेक्टेशन इंडेक्स (एफईआई) सब-इंडेक्स से आंका जाता है.

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