नयी दिल्लीः सरकार की आेर से जांच के लिए सेबी के पास भेजी गयीं और कथित कर चोरी और अन्य धोखाधड़ी की जांच का सामना कर रही 331 संदिग्ध मुखौटा कंपनियों में पार्श्वनाथ डेवलपर्स, एसक्यूएस इंडिया, जे कुमार तथा प्रकाश इंडस्टरीज भी शामिल हैं. हालांकि, इन कंपनियों ने किसी प्रकार की गड़बड़ी से इनकार किया है. नियामक ने शेयर बाजारों से ऐसी 331 कंपनियों के शेयरों में कारोबार को प्रतिबंधित करने को कहा है. इनमें से कुछ में कई चर्चित घरेलू तथा विदेशी निवेशकों का पैसा लगा हैं. इस प्रकार की कुछ अन्य कंपनियों के खिलाफ कार्रवार्इ की आशंका से बाजार धारणा भी प्रभावित हुई.
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नियामकीय और बाजार अधिकारियों के अनुसार, सूची में शामिल कंपनियों में से 162 के शेयरों में कारोबार पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है. इसके तहत इनमें महीने में एक बार कारोबार (माह के पहले सोमवार को) होगा. इसी प्रकार की कार्रवार्इ अन्य कंपनियों के खिलाफ जल्दी ही की जा सकती है. इन कंपनियों को पूंजी बाजार नियामक और शेयर बाजार के प्रतिबंध के अलावा दूसरी कार्रवार्इ का भी सामना करना पड़ सकता है, जो आयकर विभाग तथा गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) समेत अन्य एजेंसियों की जांच पर निर्भर करेगा.
सेल कंपनियों में सबसे अधिक बंगाल की
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नोटबंदी के बाद कर चोरी में शामिल 37,000 मुखौटा कंपनियों की पहचान की गयी है और तीन लाख से अधिक कंपनियां संदिग्ध कारोबार में शामिल होने को लेकर जांच के घेरे में है. काॅरपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा जांच के लिए भेजी गयी इन 331 कंपनियों में सर्वाधिक 127 पश्चिम बंगाल की हैं. इसके अलावा गुजरात और दिल्ली की भी बड़ी संख्या में कंपनियां जांच के घेरे में हैं. कम से कम 124 कंपनियां कथित रूप से कर चोरी को लेकर जांच के घेरे में हैं. वहीं, 175 कंपनियों की जांच एसएफआईओ कर रहा है.
सूची में महाराष्ट्र की भी हैं कर्इ कंपनियां
सूची में 50 कंपनियां महाराष्ट्र से और 30-30 से ज्यादा गुजरात और दिल्ली से हैं. इसके अलावा, सूची में ओड़िशा, असम, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की कंपनियां भी शामिल हैं. बंबई शेयर बाजार, नेशनल स्टाक एक्सचेंज और मेट्रोपालिटन स्टाक एक्सचेंज को कल भेजी सूचना में सेबी ने कहा है कि वे इन 331 शेयरों को ग्रेडेड निगरानी तंत्र में तत्काल प्रभाव से चरण छह में रखें.
सेल कंपनियों में नाम आने से भौंचक हैं कर्इ कंपनियों के प्रबंधक
सेबी की कार्रवार्इ पर प्रतिक्रिया देते हुए जमीन-जायदाद के विकास से जुडी पार्श्वनाथ डेवलपर्स और एसक्यूएस इंडिया बीएफएसआई लि ने अपने नाम मुखौटा कंपनियों की सूची में पाये जाने को लेकर आश्चर्य जताया है. सूची में शामिल कुछ अन्य कंपनियों ने बयान जारी कर किसी प्रकार के गलत काम में शामिल होने से इनकार किया है. पार्श्वनाथ डेवलपर्स ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि हम अपनी कंपनी का नाम संदिग्ध मुखौटा कंपनियों की सूची में पाकर आहत है, क्योंकि इस कारण हमारा इक्विटी शेयर शेयर बाजारों में जीएसएम 6 में स्थानांतरित किया जा रहा है.
उसने कहा कि इसके परिणामस्वरूप हमारी कंपनी का शेयर का कारोबार महीने में एक बार होगा. साथ ही, सेबी ने वित्तीय आडिट पर जोर दिया है. इन सबसे हमारी साख को झटका लगा है. वहीं, जे कुमार इंफ्राप्रोजेक्ट्स ले कहा कि वह मुखौटा कंपनी नहीं है और नियामक का संदेह बेतुका है. कंपनी के अनुसार उसका नियमों के अनुपालन का रिकार्ड शेयर बाजारों तथा कंपनी पंजीयक के पास बेहतरीन है. प्रकाश इंडस्टरीज और एसक्यूएस इंडिया बीएफएसआई ने भी सूची में नाम होने को लेकर आश्चचर्य जताते हुए कहा कि वे कंपनी कानून तथा सेबी नियमन से संबद्ध सभी नियमों का अनुपालन कर रही हैं.
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